प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के विज्ञान भवन में World Environment Day के अवसर पर ‘मिट्टी बचाओ आंदोलन’ पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया. यह आंदोलन ईशा फाउंडेशन द्वारा शुरू की गयी है. जो 27 की यात्रा करते हुए 75वें दिन भारत पहुंचा है. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने देश में पर्यावरण संरक्षण और उससे जुड़ी सरकार की सभी योजनाओं लक्ष्यों के पर चर्चा के अलावा कुई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिया.
World Environment Day पर पीएम ने कहा
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, मुझे संतोष है कि देश में पिछले 8 साल से जो योजनाएं चल रही है, सभी में किसी न किसी रूप से पर्यावरण संरक्षण का आग्रह है. पर्यावरण रक्षा के भारत के प्रयास बहुआयामी रहे हैं. भारत ये प्रयास तब कर रहा है जब जलवायु परिवर्तन में भारत की भूमिका न के बराबर है. आप सभी को World Environment Day की शुभकामनाएं. सद्गुरु और ईशा फाउंडेशन आज बधाई के पात्र हैं.
मिट्टी को बचाने के लिए प्रधानमंत्री ने बताए उपाय
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने मिट्टी को बचाने के लिए पांच प्रमुख बातों पर फोकस किया. उन्होंने कहा कि, मिट्टी को केमिकल फ्री कैसे बनाएं. मिट्टी में जो जीव रहते हैं उन्हें कैसे बचाएं. मिट्टी की नमी को कैसे बनाए रखें. उस तक जल की उपलब्धता कैसे बढ़ाएं. भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर करें और वनों का दायरा कम होने से मिट्टी का जो लगातार क्षरण हो रहा है, उसे कैसे रोकें.
देश ने मिटटी को जीवंत बनाए रखने के लिए निरंतर काम किया है।
मिट्टी को बचाने के लिए हमने पांच प्रमुख बातों पर फोकस किया है।
पहला- मिट्टी को केमिकल फ्री कैसे बनाएं।
दूसरा- मिट्टी में जो जीव रहते हैं, जिन्हें तकनीकी भाषा में आप लोग Soil Organic Matter कहते हैं, उन्हें कैसे बचाएं। pic.twitter.com/K6ywLmfcwQ
— BJP (@BJP4India) June 5, 2022
2070 तक नेट जीरो का लक्ष्यः World Environment Day
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत ने CDRI और इंटरनेशनल सोलर अलायंस के निर्माण का नेतृत्व किया है. पिछले वर्ष भारत ने ये भी संकल्प लिया है कि भारत 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा. आज भारत ने पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है. आपको ये जानकर भी गर्व की अनुभूति होगी, कि भारत इस लक्ष्य पर तय समय से 5 महीने पहले पहुंच गया है.
किसानों के पास जानकारी का था अभाव
पहले हमारे देश के किसान के पास इस जानकारी का अभाव था कि उसकी मिट्टी किस प्रकार की है, उसकी मिट्टी में कौन सी कमी है, कितनी कमी है. इस समस्या को दूर करने के लिए देश में किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड देने का बहुत बड़ा अभियान चलाया गया. हम कैच द रेन जैसे अभियानों के माध्यम से जल संरक्षण से देश के जन-जन को जोड़ रहे हैं. इस साल मार्च में ही देश में 13 बड़ी नदियों के संरक्षण का अभियान भी शुरू हुआ है. इसमें पानी में प्रदूषण कम करने के साथ-साथ नदियों के किनारे वन लगाने का भी काम किया जा रहा है.
नैचुरल फार्मिंग को करेंगे प्रोत्साहित
प्रधानमंत्री ने इस दौरान सरकार के नैचुरल फार्मिंग की योजना की लेकर कहा कि, इस साल के बजट में हमने तय किया है कि गंगा के किनारे बसे गांवों में नैचुरल फार्मिंग को प्रोत्साहित करेंगे, नैचुरल फॉर्मिंग का एक विशाल कॉरिडोर बनाएंगे. इससे हमारे खेत तो कैमिकल फ्री होंगे ही, नमामि गंगे अभियान को भी नया बल मिलेगा.
2030 तक ये लक्ष्य हासिल करेगी सरकार
हमने अपनी स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता का 40 परसेंट गैर-जीवाश्म-ईंधन आधारित स्रोत से हासिल करने का लक्ष्य तय किया था. ये लक्ष्य भारत ने तय समय से 9 साल पहले ही हासिल कर लिया है. भारत 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर बंजर जमीन को रिस्टोर करने पर भी काम कर रहा है। पर्यावरण की रक्षा के लिए आज भारत नई नवीनता और प्रो पर्यावरण प्रौद्योगिकी पर लगातार जोर दे रहा है.
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