नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पीएम केयर्स चिल्ड्रन स्कीम के दायरे में आने वाले बच्चों के लिए आधिकारिक तौर पर फंड्स जारी कर दिए. इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित भी किया. पीएम नो इस योजना के जरिए छोटे बच्चों की पढ़ाई से लेकर उनके भविष्य तक सरकार की ओर से दी जाने वाली मदद का पूरा ब्योरा दिया. स्कूल में दी जाने जाने वाले छात्रों के लिए स्कॉलरशिप से लेकर आयुष्मान भारत अभियान के तहत हेल्थ कार्ड जारी करने तक जैसे लाभ गिनाए. साथ ही 23 साल की उम्र पहुंचने तक वित्तीय मदद की भी जानकारी दी.
लेकिन पीएम केयर्स चिल्ड्रन फंड योजना आखिर है क्या, इसके दायरे में कौन कौन लोग आएंगे. इसके अलावा इस योजना के तहत कितने बच्चों को फायदा दिया जाएगा? और लाभान्वित बच्चों को किस तरह के फायदे मिलेंगे? चलिए आपको सब बताते है.
योजना के तहत किन बच्चों को मिली मदद?
पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम (PMCCS) सरकार की वह योजना है. जिसके तहत कोरोना में अपने माता-पिता और अभिभावक की मौत हो गई है. उन बच्चों को मदद मुहैया कराई जानी है, मोदी सरकार ने इस योजना के लाभार्थियों को तय करने के लिए जो कटऑफ डेट तय की, वह थी 11 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2022 तक की थी. यानी इस दौरान जिन बच्चों ने अपने माता-पिता या वैध अभिभावकों को खोया, उन्हें पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम के तहत मिलने वाली सारी मदद दी जाएंगी.
PM Cares for Childre के लिए लॉन्च किया गया था पोर्टल
पीएमओं के अनुसार, इस स्कीम का लक्ष्य बच्चों की निरंतर व्यापक देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना, स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना, शिक्षा के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाना और 23 वर्ष की आयु तक वित्तीय सहायता प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाना है. बच्चों के रजिस्ट्रेशन के लिए केंद्र सरकार की तरफ से pmcaresforchildren.in नाम का पोर्टल भी लॉन्च किया गया था. इसी पोर्टल से बच्चों की सारी मदद का लेखा-जोखा भी हासिल किया गया.
PM Cares for Children मिलेगें ये मदद
शिक्षा के लिए PM Cares for Children से सहायता
PM Cares for Children के तहत ऐसे पात्र बच्चों के शिक्षा के लिए कुछ कैटेगरी बनाई गयी है जिस चार वर्गों में बाटां गया है.
1. 6 साल तक के बच्चों के लिए
छह साल से कम उम्र के लाभार्थियों को पालन-पोषण, प्री-स्कूल शिक्षा/ईसीसीई, टीकाकरण, स्वास्थ्य रेफरल और स्वास्थ्य जांच के लिए आंगनबाड़ी सेवाओं से सहायता दी जाएगी.
2. 6-10 साल के बच्चों के लिए
डे स्कॉलर के तौर पर किसी भी नजदीकी स्कूल में यानी सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल, केंद्रीय विद्यालय, निजी स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा. सरकारी स्कूलों में समग्र शिक्षा अभियान के तहत, योजना के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, दो मुफ्त यूनिफॉर्म और किताबें मुहैया कराई जाएंगी.
3. 11-18 साल के बच्चों के लिए
अगर बच्चा विस्तृत परिवार के साथ रह रहा है, तो डीएम द्वारा निकटतम सरकारी सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल, केन्द्रीय विद्यालयों , निजी स्कूलों में डे स्कॉलर के रूप में उसका दाखिला सुनिश्चित किया जा सकता है. डीएम ऐसे बच्चों के लिए छुट्टियों के दौरान सीसीआई या किसी उपयुक्त स्थान पर रहने की वैकल्पिक व्यवस्था कर सकते हैं. 6-10 साल के बच्चों की तरह ही इस आयु वर्ग के बच्चों को भी आगे सुविधाएं मिलती रहेंगी.
4. 18-23 वर्ष, उच्च शिक्षा के लिए
भारत में 18-23 आयु वर्ग वाले छात्र, जिन्हें व्यावसायिक पाठ्यक्रमों और उच्च शिक्षा मिलनी है, सरकार यह ऋण पाने में उनकी पूरी मदद करेगी. शैक्षिक ऋण पर ब्याज का भुगतान पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना से किया जाएगा. एक विकल्प के तौर पर, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, जनजातीय कार्य मंत्रालय, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और उच्च शिक्षा विभाग की योजनाओं से पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के लाभार्थियों को मानदंडों के हिसाब से छात्रवृत्ति दी जाएगी। ऐसी पात्रताओं का लाभ उठाने के लिए लाभार्थियों को राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से सहायता मिलेगी.
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2. स्वास्थ्य
सभी बच्चों को आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थी के रूप में नामांकित किया जाएगा, जिसमें पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर होगा. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत चिह्नित बच्चे को आयुष्मान योजना के तहत लाभ मिले. इस योजना के कवर में आने वाले बच्चों के लिए सरकार आयुष्मान हेल्थ कार्ड बनाकर देगी, जो उन्हें पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज पाने में मदद करेगी। ऐसे बच्चों के 18 वर्ष के होने तक प्रीमियम राशि का भुगतान पीएम-केयर्स फंड द्वारा किया जाएगा.
3. वित्तीय मदद
लाभार्थियों का खाता खोलने और सत्यापन करने पर एकमुश्त राशि सीधे लाभार्थियों के डाकघर खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी. प्रत्येक पहचाने गए लाभार्थी के खाते में इस तरह से राशि अग्रिम रूप से जमा की जाएगी, जिससे 18 वर्ष की आयुत तक पहुंचने पर उसका कुल कोष 10 लाख रुपये हो जाए.
कितने बच्चों को मिलेगी यह सुविधा?
सरकार ने जिस अवधि में अपने माता-पिता और अभिभावकों को गंवाने वाले बच्चों के लिए यह योजना निकाली है, उसके अब तक 33 राज्यों के 611 जिलों से 9042 आवेदन आ चुके हैं. इनमें से 31 राज्यों के 557 जिलों के 4345 आवेदनों को मंजूरी भी दी जा चुकी है, जबकि बाकी विचाराधीन हैं.
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