स्टोरी हाइलाइट्स
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र का बयान
मर्जी के बिना vacctination नहीं
नई दिल्लीः देशभर में कोरोना की बढ़ती रफ्तार के बीच Vacctination (टीकाकरण) की प्रक्रिया भी तेज रफ्तार से चल रही है. पूरे भारत में लगभग 150 करोड़ से अधिक कोविड वैक्सीन की डोज भारतीय नागरिकों को दी जा चुकी हैं. जिनमें पहला और दूसरा दोनों डोज के आंकड़े शामिल है. हालांकि गाहे-बगाहे कभी ऐसी वीडियों भी देखने को मिलते रहते है. जिनमें व्यक्ति के इच्छा के खिलाफ उन्हें वैक्सीन लगाई जाती है. हालांकि इस तरह के घटनाओं में अकसर व्यक्ति के सगे संबधी ही उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए मजबूर करते दिखते है. ताकि इस संक्रमण से उनके और उनके आस-पास के लोग सुरक्षित रहें. लेकिन इसी बीच केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उसका जबरन Vacctination नहीं किया जा सकता है.
#1YearofVaccineDrive #LargestVaccineDrive #Unite2FightCorona pic.twitter.com/GxUz4TG4gp
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) January 16, 2022
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Vacctination कई जगह अनिवार्य
सुप्रीम कोर्ट से केंद्र ने कहा
बरअहाल केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी कोरोना Vacctination दिशा-निर्देशों में किसी भी व्यक्ति की सहमति के बिना उसका जबरन Vacctination कराने की बात नहीं की गई है.
दरअसल केंद्र सरकार ने यह बात दिव्यांगजनों को टीकाकरण प्रमाणपत्र दिखाने से छूट देने के मुद्दे पर कही. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हमने ऐसी कोई मानक संचालन प्रक्रिया जारी नहीं की है. जो किसी कार्य या मकसद के लिए टीकाकरण प्रमाणपत्र साथ रखने को अनिवार्य बनाती हो. कोर्ट में यह याचिका एक एनजीओ ने लगाई जिसके जवाब में केंद्र सरकार यह हलफनामा दायर किया.
Vacctination जबरन नहीं
हलफनामे में कहा गया है, ‘‘भारत सरकार और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश संबंधित व्यक्ति की सहमति प्राप्त किए बिना जबरन टीकाकरण की परिकल्पना नहीं करते हैं।” केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है, “मौजूदा महामारी की स्थिति को देखते हुए कोविड-19 के लिए टीकाकरण सार्वजनिक हित में है. विभिन्न प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से यह विधिवत सलाह दी जाती है, विज्ञापित और संप्रेषित किया जाता है कि सभी नागरिकों को टीकाकरण करवाना चाहिए. इसकी सुविधा के लिए प्रणालियों और प्रक्रियाओं को डिजाइन किया गया है”
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