नई दिल्लीः महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान अब सत्ता परिवर्तव की सुप्रीम कोर्ट द्वारा महाराष्ट्र के राज्यपाल का बहुमत परीक्षण का फैसला बरकरार रखने के साथ ही Uddhav Thackeray ने सीएम पद से इस्तीफा देने का एलान कर दिया. इसके साथ ही उन्होंने विधान परिषद की सदस्यता भी छोड़ने की घोषणा की. फेसबुक के जरिए दिए संबोधन में उद्धव का दर्द साफ नजर आया. उन्होंने कहा कि जिन्हें कुछ भी नहीं दिया, उन्होंने साथ दिया. कांग्रेस-एनसीपी ने हमारा साथ दिया, लेकिन जिनको मैंने दिया, वो नाराज हैं.
Uddhav Thackeray ने कही ये बात
मैं संतुष्ट हूं कि हमने आधिकारिक तौर पर औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव कर दिया है. ये बालासाहेब ठाकरे द्वारा नामित शहर हैं.
हमने किसानों का कर्ज माफ किया है. जिन्हें कुछ भी नहीं दिया, उन्होंने साथ दिया। जिनको मैंने दिया, वो नाराज हैं. कांग्रेस-एनसीपी ने हमारा साथ दिया.
मैं एनसीपी और कांग्रेस के लोगों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं कि उन्होंने मेरा समर्थन किया. शिवसेना, अनिल परब, सुभाष देसाई और आदित्य ठाकरे की तरफ से ये लोग तब मौजूद थे जब प्रस्ताव पास हुआ था, जबकि एनसीपी और कांग्रेस के लोगों ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया.
आपकी नाराजगी किस बात की है, गुवाहाटी और सूरत जाने की बजाए मुझे बताएं। मैंने हमेशा आपकी भावनाओं का सम्मान किया है. मैं मीडिया में बात करूंगा और आप उसका जवाब देंगे, इसका क्या मतलब है.
मुझे पता लगा है कि मुंबई में बंदोबस्त करने के लिए केंद्र ने सुरक्षाकर्मी भेजे हैं. मैं नहीं चाहता कि शिवसैनिकों का खूब बहे, नहीं चाहता कि शिवसैनिक सड़कों पर उतरें.
किसके पास कितनी संख्या मुझे इससे मतलब नहीं, कल शायद वो बहुमत साबित कर दें. मुझे सीएम पद छोड़ने का कोई दुख नहीं.
मैं अप्रत्याशित तरीके से (सत्ता में) आया था और मैं इसी तरह से बाहर जा रहा हूं. मैं हमेशा के लिए नहीं जा रहा हूं, मैं यहां रहूंगा, और मैं एक बार फिर शिवसेना भवन में बैठूंगा. मैं अपने सभी लोगों को इकट्ठा करूंगा. मैं सीएम और एमएलसी पद से इस्तीफा दे रहा हूं. मैं वहां पर गया जहां मुझे जाना नहीं था.
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