स्टोरी हाइलाइट्स
5 विधानसभा में होना है चुनाव
दिव्यांगों व संक्रमितों को घर से देंगे वोट
घर से वोट देने की ये है पूरी प्रक्रिया
नई दिल्लीः देशभर में कोरोना और उसके नए ओमिक्रॉन वैरिएंट का खतरा बढ़ता ही जा रहा है. हर दिन संक्रमण के मामलों में लगातार वृद्धि ने देश को इस महामारी के तीसरी लहर में धकेल दिया है. जिसके चलते केंद्र और राज्य की सरकारें ने नए प्रतिबंध लगा रही है. लेकिन आगामी 5 विधानसभा चुनाव पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है. चुनाव आयोग आज इसकी अधिसूचना भी जारी कर रहा है. लेकिन इस बार के चुनाव में जो प्रक्रिया सबसे ज्याद चर्चित हो रही है वो है दिव्यांगो औऱ कोरोना संक्रमितो को घर से वोट देने की सुविधा. जिसे हम डोरस्टेप वोटिंग भी कहते है.
डोरस्टेप वोटिंग
क्या होता है ये डोर स्टेप वोंटिग चलिए आपको विस्तार से बताते हैै. डोरस्टेप वोटिंग पोस्टल बैलट सुविधा का अपग्रेड फॉर्मूला है. भारत में पोस्टल बैलट की सुविधा पहले भी रही है. लेकिन चुनाव आयोग ने इस सुविधा को सीमित स्तर पर ही उपल्बध कराया है. जो पहले सिर्फ सैन्यबल- थलसेना, जलसेना और वायुसेना के सदस्य देश से बाहर काम कर रहे सरकारी अफसर और उनकी पत्नियां अपने राज्य में हो रहें चुनाव इस्तेमाल करते थे.इसके लिए वे चुनाव आयोग की तरफ से एक फॉर्म दिया जाता था. जिसे पोस्ट वो से वोट करते थे. या यू कहें कि आप डोर स्टेप वोटिंग में अपना वोट चुनाव आयोग को पोस्ट के जरिए भेजते है.
डोरस्टेप वोटिंग की प्रक्रिया
डोरस्टेप वोटिंग के तहत 80 साल से ऊपर के बुजुर्गों, दिव्यांगों और कोरोना प्रभावित जो भी लोग वोट करना चाहेंगे, उन्हें चुनाव आयोग की तरफ से फॉर्म मुहैया कराया जाएगा.नए प्रावधानों के तहत यह फॉर्म उन्हें बूथ स्तर के अफसर की तरफ से घर जाकर दिया जाएगा वोट करने वालों के नाम नोट किए जाएंगे साथ ही इन्हें राजनीतिक दलों को भी मुहैया कराया जाएगा, ताकि इस प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहें है. हालांकि, पूरी प्रक्रिया में मतदान को गुप्त और निष्पक्ष रखने की कोशिश होगी। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी। डोरस्टेप वोटिंग के जरिए जुटाए गए मतों को बूथ पर होने वाली वोटिंग से जल्दी पूरा कर लिया जाएगा।
इससे पहले डोरस्टेप वोटिंग की सुविधा…
डोरस्टेप वोटिंग की सुविधा सबसे पहले 2019 में झारखंड विधानसभा चुनाव में दी गई थी। तब इसे सिर्फ बुजुर्गों और दिव्यांगों तक ही सीमित रखा गया. हालांकि, कोरोना महामारी के बाद इस सुविधा को बिहार में भी मुहैया कराया गया था. इसके अलावा बीते साल तमिलनाडु और पुडुचेरी के विधानसभा चुनाव में भी चुनाव आयोग ने यह सुविधा लोगों को मुहैया कराई थी.
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