लखनऊः बीते कुछ दिनों से लगातार ये चर्चा तेज है कि यूपी में अपात्र Ration card धारकों से राशन कार्ड सरेंडर करने और उसने शासन द्वारा वसूली की जाएगी. लेकिन मंगलवार को यूपी सरकार द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि सरकार ने राशन कार्ड सरेंडर कराने और अपात्रों से राशन के बदले वसूली करने का कोई आदेश नहीं दिया है. जिसके बाद से कयासों का बाजार गर्म है कि आखिर किसके आदेश पर सूबे के अधिकतर जिलों में ये एलान किया गया था कि राशन कार्ड सरेंडर नहीं करने वाले अपात्रों से वसूली की जाएगी.
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अपात्र Ration card धारको से वसूली को लेकर नहीं जारी हुआ कोई आदेश
खाद्य एवं रसद आयुक्त सौरभ बाबू ने बयान जारी कर कहा कि Ration card सरेंडर करने का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. राशन कार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है और न तो कार्ड निरस्तीकरण और न ही रिकवरी के लिए कोई आदेश जारी हुआ है.
हालांकि राज्य के कई जिलों में में Ration card सरेंडर करने की तारीख भी मुकर्रर की गई थी और कहा गया था, इस तिथि के बाद वसूली की कार्रवाई होगी. इतना नहीं अधिकारियों ने बयान जारी किए कि शासन के निर्देश पर यह किया जा रहा है. जिसके बाद से प्रदेश भर में कार्ड सरेंडर करने की होड़ लग गई. सिर्फ अप्रैल माह में 43 हजार लोगों ने अपने राशन कार्ड सरेंडर किए. जो सिलसिला मई में भी जारी है.
Ration card प्रकरण की होगी जांच : शर्मा
इस मामले को लेकर खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री सतीश शर्मा ने कहा कि जिन जिलों में किसके आदेश पर वसूली की चेतावनी दी गई, इस संबंध में अधिकारियों से रिपोर्ट भेजने का कहा है. वसूली का तो प्रावधान ही नहीं है, पता नहीं यह कैसे किया गया. सत्यापन एक नियमित प्रक्रिया है. हम तो इस योजना से लोगों को जोड़ रहे हैं. एक अप्रैल से 17 मई तक 1.17 लाख लोगों के Ration card बनाए गए हैं.
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