स्टोरी हाइलाइट्स
महाराष्ट्र सरकार के अनुसार राज्य में पहला कोविड XE स्ट्रेन
केंद्र सरकार का इसे XE स्ट्रेन मानने से इनकार
नई दिल्लीः कोरोना वायरस के नए XE स्ट्रेन को लेकर महाराष्ट्र सरकार व केंद्र सरकार आमने-सामने आती दिख रही है. खबरों के अनुसार महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में बुधवार को देश में पहला XE स्ट्रेन का केस मुंबई में दर्ज होने का दावा किया. वहीं केंद्र सरकार ने इस मामले को एक्सई स्ट्रेन मानने से इनकार कर दिया है. जिस पर दोनों अड़े हुए है और इसको लेकर विवाद बढञता ही जा रहा है. गौरतलब है कि यह स्ट्रेन ओमिक्रॉन का नया रूप है. जिसे वर्तमान में कोविड का सबसे तेजी से फैलने वाला स्ट्रेन माना जा रहा है.
मुंबई BMC ने किया पहले XE स्ट्रेन का दावा
बृहन्मुंबई नगर निगम BMC ने बुधवार को दावा किया है कि देश का पहला एक्सई स्ट्रेन का केस मुंबई में मिला है. दक्षिण अफ्रीका से आई 50 वर्षीय फैशन डिजाइनर पिछले माह पॉजिटिव पाई गई थी. उसके सैंपल में एक्सई स्ट्रेन मिलने का दावा किया गया है. वहीं, केंद्र सरकार ने इस जांच को गलत बताते हुए कहा कि उक्त महिला 27 अप्रैल को पॉजिटिव मिली थी. उसका लैब सैंपल मुंबई के कस्तूरबा हॉस्टिपल की लैब में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था.
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XE स्ट्रेन पर महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार का अलग-अलग दावा
इस मामले को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि वैश्विक जीनोमिक डेटा (GISAID) ने महिला के सैंपल में XE मिलने की पुष्टि की है. जबकि भारतीय सॉर्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने कहा है कि वह इसकी पुष्टि के लिए पश्चिम बंगाल स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स (NIBMG) में सैंपल की एक बार और जीनोम सीक्वेंसिंग करना चाहता है. हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने भी एक्सई स्ट्रेन को लेकर शतप्रतिशत पुष्टि नहीं की है, उसने अपने नोट में कहा है, ‘यह एक्सई का केस होने की संभावना है. आपको बता दें कि एक्सई स्ट्रेन ओमिक्रॉन के बीए.1 और बीए.2 स्ट्रेन का मिश्रित रूप है. जिसके ब्रिटेन जैसे देशों में कोरोना के ताजा संक्रमण का जिम्मेदार माना गया है.
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