Saturday, December 2, 2023
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Hyderabad रेप केस में फर्जी था कथित चार आरोपियों का एनकाउंटर, पुलिस ने लूटी थी खूब वाहवाही

नई दिल्लीः तीन साल पहले Hyderabad में वेटनरी डॉक्टर की सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसे जलाकर मारने के चार कथित आरोपियों के एनकाउंटर को जांच आयोग ने फर्जी माना है. सिरपुरकर जांच आयोग ने इस मामले की जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी है. पूरे देश में इस घटना को लेकर लोगों में जबरदस्त रोष था. जिसके बाद उन चारों आरोपियों के क्राइम रीशूट के दौरान एनकाउंटर किया गया. जिसे त्वरित न्याय बताकर का नाम देकर Hyderabad पुलिस की देशभर में वाहवाही हुई थी. लेकिन अब रिपोर्ट में कहा गया है कि कथित चारों आरोपियों का फर्जी एनकाउंटर किया गया था. मामले की जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना हाईकोर्ट को भेजने का निर्देश देते हुए फर्जी एनकाउंटर के दोषियों पर कार्रवाई करने को कहा है.

2019 में हुआ था Hyderabad में हुआ था वेटनरी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म

नवंबर 2019 में Hyderabad में एक 27 साल की एक वेटनरी डॉक्टर के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था. इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. डॉक्टर का शव शादनगर में एक पुल के नीचे जली हुई अवस्था में मिला था। इसके बाद Hyderabad पुलिस ने चार आरोपियों – मोहम्मद आरिफ, चिंताकुंटा चेन्नाकेशवुलु, जोलू शिवा और जोलू नवीन को वेटनरी डॉक्टर के साथ सामूहिक दुष्कर्म के और हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. Hyderabad के NH-44 पर इन चारों आरोपियों एनकाउंटर किया गया था। यह वही राजमार्ग था, जिसके पुल के नीचे 27 वर्षीय पशु चिकित्सक का जला हुआ शव मिला था. पुलिस ने दावा किया था कि 27 नवंबर, 2019 को महिला पशु चिकित्सक का अपहरण किया गया था. उसका यौन उत्पीड़न किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई थी.
Priyanka Reddy: Hyderabad Rape-Murder Case In Hindi » FinetoShine India

पक्षकारों से साझा करें जांच रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एनकाउंटर की जांच रिपोर्ट साझा करने का भी निर्देश दिया है. प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, जस्टिस सूर्य कांत व हिमा कोहली की पीठ ने वरिष्ठ वकील श्याम दीवान की रिपोर्ट बंद लिफाफे में रखने की दलील नामंजूर कर दी. पीठ ने कहा कि यह एनकाउंटर से संबंधित है, इसमें छिपाने जैसा कुछ नहीं है। आयोग ने किसी को दोषी माना है, हम रिपोर्ट तेलंगाना हाईकोर्ट को भेज रहे हैं. हम इस केस की निगरानी नहीं कर सकते. सवाल यह है कि इस पर क्या कार्रवाई होना चाहिए। आयोग ने कुछ सिफारिश की है. इसके साथ ही कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया कि वह दोनों पक्षों को रिपोर्ट की प्रति मुहैया कराए.

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