आपने Udta Panjab फिल्म देखी होगी। इस फिल्म में पंजाब के युवाओं को नशे की लत में डूबे होने के बारे में दिखाया गया था। इस फिल्म को लेकर बहस भी छिड़ी थी। लेकिन सच तो सच ही होता है। ऐसा ही एक सच उत्तर प्रदेश के महाराजगंज से सामने आया है। यहां की पुलिस, प्रशासन और एसएसबी की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 686 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित नशीली दवाएं बरामद की है। इन प्रतिबंधित दवाओं के तार नेपाल से जुड़े हुए हैं।
महाराजगंज बना यूपी का Udta Panjab
686 करोड़ की नशे की इस खेप ( Udta Panjab )को भारत-नेपाल सीमा की ठूठीबारी थाना इलाके के जमुई कलां गांव के एक गोदाम में रखी गई थी। जिसे ठुठीबारी थाना पुलिस, SSB और प्रशासन की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जब्त की है। पुलिस के मुताबिक इन सभी दवाओं को नेपाल भेजने की तैयारी थी।
फरार सरगना पर 25 हजार का इनाम
बरामद प्रतिबंधित नशीली दवाओं में इंजेक्शन, सिरप, टेबलेट और प्रिंटेड लेबल रैपर बरामद हुआ है। इस कार्रवाई के दौरान नशे के एक तस्कर को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं इस पूरे खेल का सरगना गोविंद गुप्ता फरार है। जिसपर पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम रखा है।
नशे की इस खेप में क्या क्या जब्त हुए
कुल 686 करोड़ की नशीली दवाओं की खेप जब्त
25,810 इंजेक्शन
100 ML की 18,782 सिरप
3 लाख 13 हजार कैप्सूल
1 लाख 24 हजार 895 टैब्लेट
1 लाख 34 हजार 460 लेबल चेंज किए हुए दवाएं
लोकल दुकानों और नेपाल में खपत
इन प्रतिबंधित नशीली दवाओं का कारोबार के तार नेपाल से जुड़े हुए भी बताए जा रहे हैं। पुलिस अब इस गिरोह की जड़ तक पहुंचने की कोशिश में जुट गई है। एसएसबी के कमांडेंट की मानें तो इन दवाओं की खपत कुछ लोकल दुकानों के अलावा नेपाल में की जाती थी। क्योंकि नेपाल बॉर्डर के भारतीय युवा और नेपाल के युवक नशीली दवाओं की चपेट में पूरी तरह से आ चुके हैं।
महाराजगंज पुलिस की चुनौती
महाराजगंज पुलिस और एसएसबी के सामने भारत नेपाल की खुली सीमा पर इस तरह के अवैध गतिविधियों को रोकने की सबसे बड़ी चुनौती होगी। खासकर ऐसे मौके पर जब बड़े पैमाने पर नशीली दवाओं का कारोबार भारत नेपाल सीमा पर तेजी से फल-फूल रहा है। जरुरत इस बात की है कि इस पर पूरी तरह से अंकुश लगाकर युवाओं को नशे की लत से बचाया जा सके।