नई दिल्लीः महाराष्ट्र में सियासी सरगर्मी लगातार तेज होती जा रही हैं, एक तरफ जहां एकनाथ शिंदे अपने साथ असली शिवसेना होने का दावा करते हुए निर्दलीय और Shiv Sena के 42 से ज्यादा विधायक का समर्थन बताया है. वहीं दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे और उनके समर्थक नेता बागी विधायकों से सामने आकर इस्तीफा मांगने की अपील कर रहे हैं.
एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे अब खुलकर सियासी मौदान में उतर चुके हैं. एकनाथ शिंदे का कहना है कि उद्धव के साथ वाली शिवसेना अब पुरानी पार्टी नहीं रह गई है. उनके साथ हैं. यानी इतना ही नहीं शिंदे ने एक दिन पहले ही महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर को 34 विधायकों के हस्ताक्षर वाली चिट्ठी भेजी, जिसमें Shiv Sena के विधायक दल के चीफ व्हिप को हटाने की बात कही गई है. जिसे शिवसेना प्रमुख व सीएम उद्धव ठाकरे के लिए बड़ी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है.
Shiv Sena ने किया कारर्वाई का फैसला
वहीं शिवसेना की तरफ से महाराष्ट्र विधानसभा के समक्ष याचिका दायर 12 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की गयी है. Shiv Sena सांसद अरविंद सावंत ने कहा ये सभी विधायक कल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे. बैठक से पहले नोटिस जारी किया गया था जिसमें कहा गया था कि अगर आप बैठक में शामिल नहीं हुए तो संविधान के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कुछ नहीं आए और कुछ ने बेवजह कारण बताए.
एकनाथ शिंदे ने किया पलटवार
Shiv Sena द्वारा इस कार्रवाई को लेकर एकनाथ शिंदे ने पलटवार करते ट्वीट करते हुए कहा कि आप अयोग्यता के लिए 12 विधायकों के नाम बताकर हमें डरा नहीं सकते, क्योंकि हम शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के अनुयायी हैं. हम कानून जानते हैं, इसलिए हम धमकियों पर ध्यान नहीं देते हैं. हम आपके तरीके और कानून भी जानते हैं. संविधान की अनुसूची 10 के अनुसार, व्हिप का इस्तेमाल विधानसभा के काम के लिए किया जाता है, बैठकों के लिए नहीं.
इन विधायकों के सदस्यता को रद्द करने की मांग
शिवसेना ने जिन बागी विधायक के नाम अयोग्यता के लिए प्रस्तावित किया है. उनमें 1. एकनाथ शिंदे 2. प्रकाश सुर्वे 3. तानाजी सावंतो 4. महेश शिंदे 5. अब्दुल सत्तारी 6. संदीप भुमरे 7. भरत गोगावाले 8. संजय शिरसातो 9. यामिनी यादव 10. अनिल बाबरी 11. बालाजी देवदास 12. लता चौधरी शामिल है.
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या Shiv Sena के दो-तिहाई विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे पार्टी पर अपना दावा ठोक सकते हैं? अगर शिवसेना टूटती है तो उसका तीर-कमान का निशान किस धड़े के पास रहेगा? इसके अलावा पार्टी टूटने पर असली शिवसेना कौन है, इसका फैसला कौन करेगा?
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