सुपरेटक टावर्स मामले (Super Tech Towers ) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सुपरटेक के नोएडा एक्सप्रेस स्थित एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के अपैक्स एंड स्यान यावे-16 और 17 को अवैध ठहराया है और दोनों 40 मंजिला टावरों को गिराने का आदेश दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सभी फ्लैट मालिकों को ब्याज सहित पैसा लौटाने का भी आदेश दिया है।
12 % ब्याज के साथ वापस करें पैसा- Supreme Court
मंगलवार को सुपरटेक टावर्स मामले पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने सभी फ्लैट खरीददारों को 12 % ब्याज के साथ पैसा वापस करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि नोएडा में सुपरटेक ने एमराल्ड कोर्ट में लगभग 1,000 फ्लैटों वाले ट्विन टावरों के निर्माण में नियमों के उल्लंघन में किया गया था। सुपरटेक द्वारा अपनी लागत से दो महीने की अवधि के भीतर इसे तोड़ा जाना चाहिए।
SC ने अथॉरिटी को बताया था ‘भ्रष्टाचारी संस्था’
सुपरटेक टावर मामले में 5 अगस्त को बहस के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) को ‘भ्रष्टाचारी संस्था’ बताया था। कोर्ट ने अथॉरिटी को फटकार लगाते हुए कहा था कि “जिस तरह से आप जिरह कर रहे हैं, ऐसा लगता है कि आप ही प्रमोटर हैं। आप घर खरीदारों के खिलाफ लड़ाई नहीं कर सकते। एक सरकारी प्राधिकरण के तौर पर आपको एक निष्पक्ष स्टैंड लेना होगा। आपके आंख, कान और नाक से भ्रष्टाचार टपकता है और आप घर खरीदारों में कमियां ढूंढने में लगे हो”।
दरअसल, सुपरटेक दोनों टावरों में लगभग 950 फ्लैट्स बनाने की योजना थी। 32 फ्लोर का काम पूरा हो चुका था। जब जब एमराल्ड कोर्ट (Emerald Court Noida) हाउजिंग सोसायटी के बाशिंदों की याचिका पर टावर ढहाने का आदेश आया। उस समय 633 लोगों ने फ्लैट फ्लैट बुक कराए थे। जिनमें 248 को पैसा वापस मिल गया था। जबकि, 133 दूसरे प्रॉजेक्ट्स में शिफ्ट हो गए। लेकिन 252 ने अब भी निवेश कर रखा था। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।