13 अगस्त को भगवान राम की नगरी अयोध्या में रामलला पहुंचेंगे। यहां रामलला को चांदी के झूले में झुलाया जाएगा। राम जन्मभूमि परिसर (Ram Mandir) के अंदर रामलला की अस्थाई मंदिर में रामलला को झुलाया जाएगा।
स्टोरी हाईलाइट्स
चांदी के झूले में झूलेंगे रामलला
21 किलो चांदी से बना है श्रीराम का झूला
498 साल बाद Ram Mandir में यह मौका
रामनगरी अयोध्या (Ram Mandir) में करीब 500 साल बाद एक ऐसा मौका आया है, जिसका सबको इंतजार है। परंपरा के मुताबिक सावन के हर पंचमी के दिन रामलला को झूला झुलाया जाता है। लेकिन सदियों से राममंदिर विवाद को लेकर इस परंपरा को निभाया तो जाता था। लेकिन उसका स्वरूप कुछ अलग कर दिया गया था। अब चूंकि राम मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है। तब इस परंपरा को उल्लासपूर्वक मनाया जा रहा है।
Ram Mandir में 21 किलो चांदी के झूले में झूलेंगे रामलला
13 अगस्त को भगवान राम की नगरी अयोध्या में रामलला पहुंचेंगे। यहां रामलला को चांदी के झूले में झुलाया जाएगा। राम जन्मभूमि परिसर (Ram Mandir) के अंदर रामलला की अस्थाई मंदिर में रामलला को झुलाया जाएगा। 498 सालों के बाद सावन के महीने में भगवान राम चांदी के झूले में झूला झूलने जा रहे हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 21 किलो की चांदी से भगवान श्रीराम का झूला बनवाया है। भगवान राम नाग पंचमी के दिन यानि 13 अगस्त को चांदी के झूले में विराजेंगे। फिर सावन पूर्णिमा तक रामलला चांदी के झूले में राम भक्तों को दर्शन देंगे।
सावन झूला उत्सव की शुरुआत
इतना ही नहीं जब तक रामलला Ram Mandir में विराजमान रहेंगे उन्हें कजरी गीत भी सुनाई जाएगी। दरअसल श्रीराम जन्मभूमि परिसर में सावन की पंचमी तिथि से सावन झूला उत्सव का प्रारंभ हो रहा है। अयोध्या के सभी मठ मंदिर में भगवान को विशेष झूले पर झुलाने की परंपरा है। इसी उत्सव के तहत 21 किलो चांदी का झूला बनाया गया है।
लकड़ी के झूले से होता था उत्सव
इससे पहले जब कई सालों से रामलला टेंट में विराजमान रहे थे। तब कोर्ट के द्वारा उन्हें लकड़ी के झूले पर झूला झुलाए जाने अनुमति मिली थी। लेकिन इस बार भगवान के भव्य मंदिर निर्माण शुरू हो चुका है। इसलिए अब सभी उत्सव को भव्यता के साथ मनाए जाने की तैयारी है। तभी इस बार राम मंदिर ट्रस्ट ने भगवान श्री रामलला के लिए चांदी का पालना तैयार किया है।