Saturday, December 2, 2023
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Privatization: खाली पड़ी सरकारी संपत्तियों को किराये पर लगाकर 6 लाख करोड़ कमाएगी सरकार

स्टोरी हाईलाइट्स
खाली पड़ी संपत्तियों को किराये पर देगी सरकार
2025 तक 6 लाख करोड़ जुटाएगी सरकार
NMP योजना से इन्फ्रास्ट्रक्चर होगा मजबूत

सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बड़ा ऐलान किया है।  उन्होंने 6 लाख करोड़ रुपये जुटाने वाली नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) योजना का ऐलान किया है।  इस योजना के जरिए सरकार एसेट्स को मोनेटाइज करेगी।  जिसमें ऊर्जा से लेकर सड़क, रेलवे सेक्टर, एयरपोर्ट, गैस पाइपलाइन, स्टेडियम, बिजली, गोदाम को निजी क्षेत्रों (Privatization) को कुछ समय के लिए देगी।  उसके बदले में उनसे ‘किराया’ वसूल किया जाएगा।  हालांकि, फाइनेंस मिनिस्टर ने कहा कि एसेट मोनेटाइजेशन में भूमि को बेचना शामिल नहीं है।  यह ब्राउनफील्ड एसेट्स को मोनेटाइज करने को लेकर है।

Privatization से 6 लाख करोड़ जुटाएगी केंद्र

गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) 2021-22 का बजट पेश कर रही थीं।  तभी उन्होंने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) योजना लाने की बात कही थी। इस योजना के जरिए केंद्र सरकार 4 साल में यानि 2025 तक 6 लाख करोड़ रुपये निजी क्षेत्रों (Privatization) से कमाएगी।  वहीं वित्त मंत्रालय निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहीन कांता पांडे ने कहा, ‘‘करीब छह लाख करोड़ रुपये की संपत्तियों के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के वास्ते राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना पर काम चल रहा है।  इसमें पाइपलाइन, पावर ग्रिड पाइपलाइन से लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग की कई तरह की संपत्तियां शामिल हैं।’’

क्या होता है एसेट मोनेटाइजेशन ?

बताया जाता है कि एसेट मोनेटाइजेशन (Asset Monetization) का आइडिया वर्ल्ड बैंक (World Bank) ने दिया था।  वर्ल्ड बैंक ने भारत सरकार को भी सलाह दी थी कि वो अपनी उन संपत्तियों का भरपूर उपयोग करे।  जिनका इस्तेमाल नहीं किया गया है या जिन्हें किनारे कर दिया गया है।  एसेट मोनेटाइजेशन का सीधा सा अर्थ है सरकारी विभाग की वो संपत्तियां जो काम न होने पर खाली पड़ी रहती हैं।  इस योजना के जरिए सरकार खाली पड़ी संपत्तियों को किराए पर उठाएगी।  एक अनुमान के मुताबिक, भारतीय रेलवे (Indian Railway) की लगभग 43 हजार हेक्टेयर जमीन खाली पड़ी है।  उससे सरकार को कोई आमदनी नहीं हो रही।  यदि इस जमीन का किसी दूसरे कामों में अस्थायी या स्थायी रूप से उपयोग किया जाए तो सरकार अपना राजस्व बढ़ा सकती है।

Privatization से आएगा इतना पैसा

नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के तहत भारत सरकार सड़कों के मोनेटाइजेशन से अगले चार साल में केंद्र को 1.60 लाख करोड़ मिलेंगे।  वहीं बिजली विभाग से सरकार को 39,832 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा।  इसके अलावा टेलिकॉन सेक्टर से  22,504 करोड़ रुपये, कोयला खदान से 39,000 करोड़ रुपये, गैस पाइपलाइन से 22,504 करोड़, एयरपोर्ट से 12828 करोड़ और स्टेडियम से 11,450 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करेगी।

‘इन्फ्रास्ट्रक्चर होगा मजबूत’

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस योजना से देश का इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा।  उन्होंने कहा कि इस योजना का मुख्य लक्ष्य मोनेटाइजेशन के जरिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में मदद करना है।  जिसमें पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर मिलकर काम करें।  जिससे देश के नागरिकों को सामाजिक-आर्थिक विकास और बेहतर गुणवत्ता वाला जीवन मिले।

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बता दें कि नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन बुक नीति आयोग (Niti Aayog) के वाइस चेयरमैन डॉ. राजीव कुमार (Rajeev Kumar) की मौजूदगी में जारी किया जाएगा।  इसके साथ ही इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ अमिताभ कांत और कई सरकारी मंत्रालय के सचिव भी मौजूद रहेंगे।

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