नई दिल्लीः राज्य पुलिस ने पंजाब और पड़ोसी राज्यों में सक्रिय गिरोह के कम से कम 5 सरगनाओं की पहचान की है. जिनका नाम गौरव पटियाल, विकास लगरपुरिया, हरविंदर सिंह रिंडा, लखबीर सिंह लांडा और सतिंदर सिंह है. खबरों के अनुसार पटियाल उर्फ लकी आर्मेनिया की जेल में बंद है. यूथ अकाली दल के नेता विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या में इसका भी हाथ होने का आरोप था. बिश्नोई और बराड़ ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या करके मिद्दुखेड़ा की मौत का बदला लेने का दावा किया था. पटियाल को सिद्धू मूसेवाला की हत्या के कथित मास्टरमाइंड लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार का प्रतिद्वंद्वी कहा जाता है.
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सक्रिय गिरोह के गैंग लीडर
विकास लगरपुरिया पर अगस्त 2021 में गुरुग्राम में हुए 30 करोड़ रुपये की लूट का आरोप है. उसे इस लूट का मास्टरमाइंड कहा जाता है. लगरपुरिया दुबई में छिपा था और हाल ही में वहां उसने भागने की कोशिश की थी. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लगरपुरिया को रोक गया पर वो फिर से भाग निकला और फिर से पकड़ा गया. हरियाणा पुलिस का अनुसार उसने ऐसा खुद को इंडिया को सौंपे जाने की प्रक्रिया मे देरी करने के लिए किया. क्योंकि अब वह दुबई में पुलिस हिरासत से भागने के आरोप का सामना करेगा.
रिंडा 9 मई को मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर हुए ग्रेनेड हमले का आरोपी है. माना जा रहा है कि वह पाकिस्तान में है. मोहाली हमले में लखबीर सिंह का भी हाथ बताया जा रहा था. वह तरनतारन जिले का रहने वाला है और खबरों के अनुसार 2017 से कनाडा में है. सिद्धू मूसेवाला की हत्या के आरोप में सतिंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ को मुख्य आरोपी के रूप में नामजद किया गया है.
पंजाब के फरीदकोट का रहने वाला गोल्डी बरार फिलहाल कनाडा में रह रहा हैं. बीते कुछ वर्षों से इस गिरोह के कुछ सदस्यों ने लोकप्रिय कबड्डी लीग में गहरी रुचि दिखाई है. जहां वे बड़ी रकम के दांव जीतने के लिए एथलीट को खराब प्रदर्शन करने की धमकी देते हैं. वहीं पंजाब का फलते-फूलते संगीत उद्योग, जो ज्यादातर लोक संगीत पर केंद्रित है, वहां भी इन गैंगस्टरों ने अपना जाल फैला रखा है.
कबड्डी लीग
लोकप्रिय कबड्डी लीग से गैंगस्टर की कड़ी का खुलासा तब हुआ, जब दो महीने पहले जालंधर के पास एक गांव में टूर्नामेंट के दौरान अंतरराष्ट्रीय पंजाबी कबड्डी खिलाड़ी संदीप सिंह नंगल अंबियन की हत्या कर दी गई थी. पुलिस से जुड़े सूत्रों के अनुसार संदिग्धों से पूछताछ के बाद पता चला कि कनाडा में रहने वाला एक पंजाबी खेल का प्रमोटर संदीप पर एक खास क्लब के लिए खेलने के लिए दबाव बना रहा था. संदीप एक टॉप रेटेड स्टॉपर था. जो महत्वपूर्ण कबड्डी मुकबले में अकेले ही खेल का पाशा पलट देता था. संदीप ने प्रमोटर की बात मानने से इनकार कर दिया था. वहीं इस मामले पुलिस की जांच में यह निकलकर सामने आया कि कबड्डी लीग में सक्रिय माफिया के इशारे पर एक गिरोह के शार्पशूटरों ने संदीप की हत्या कर दी.
ड्रग माफिया भी कबड्डी लीग में करते हैं भारी निवेश
पुलिस को इस मामले में ड्रग कारोबार से भी संबंध मिले हैं. राज्य के ड्रग माफिया कबड्डी टूर्नामेंट में भारी निवेश करते हैं. पंजाबी शैली की कबड्डी कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका और कुछ अन्य देशों में बेहद लोकप्रिय है जहां भारत और पाकिस्तान के पंजाबी बड़ी संख्या में बसे हुए हैं. भारत और पाकिस्तान में पंजाब के दोनों ओर के खिलाड़ी बड़े व्यापारियों और उद्योगपतियों द्वारा प्रायोजित अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में कबड्डी खेलते हैं. फ़ुटबॉल की ही तरह ऐसे क्लब हैं जिनके पास खुद की कबड्डी की टीमें हैं, जिनके खिलाड़ी अपने विरोधी टीम की जीत की सुविधा के लिए अंडरपरफॉर्म करने के लिए “प्रभावित” होते हैं.
म्यूजिक इंडस्ट्री
नए गाने और एल्बम तुरंत हिट होने के साथ ही पंजाब का म्यूजिक इंडस्ट्री गैंगस्टरों के प्रभाव में आ गया है. राज्य पुलिस को कई बार जबरन वसूली की सूचना मिली है. एल्बम के डिस्ट्रीब्यूशन राइट्स का अधिकार देने से इनकार करने पर सिंगरों को जान से मारने की धमकी भी दी जाती है. एक मशहूर सिंगर परमीश वर्मा पर हाल ही में मोहाली में हमला किया गया था, क्योंकि परमीश ने जबरन वसूली पर रिस्पॉन्ड करने से इनकार कर दिया था.
सिंडिकेट के लिए गाने का दबाव
विक्की मिदुखेरा, जिसकी पिछले साल अगस्त में हत्या कर दी गई थी, वो राजनीति में थे, लेकिन कुछ गायकों के साथ भी उनके घनिष्ठ संबंध थे. रिपोर्टस के अनुसार कुछ गैंगस्टर लोकप्रिय पंजाबी कलाकारों पर उनके द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सिंडिकेट के लिए गाने के लिए दबाव डालने लगे. कहा जाता है कि इन सिंडिकेट की मांगों को मानने से इनकार करने वाले गायकों को जान से मारने की धमकी के साथ ही जीना पड़ता है.
सिद्धू मूसेवाला थे वर्तमान में सबसे लोकप्रिय सिंगर
सिद्धू मूसेवाला वर्तमान के पंजाबी गायकों में सबसे लोकप्रिय सिंगर थे. उनके गाए गानों को कुछ ही घंटों में लाखों हिट मिलते थे. उन्होंने अपने गीतों के ऑनरशिप के लिए की अपना एक सिस्टम बनाया और उनमें से कई को YouTube पर अपलोड किया. सिद्धू मूलेवाला अपने गानों को अपलोड करने से कतराते थे. वहीं पूरा एल्बम अपलोड करने से बचते थे. हाल ही में उन्होंने अपना गाना द लास्ट राइड अपलोड किया. इससे पहले उन्होंने ग़दर गाना अपलोड किया था. यह पंजाब के चुनावों के बारे में था जिसमें वह हार गए थे.
जेलों के प्रशासनिक ढांचे में भारी बदलाव की जरूरत
पुलिस से रिटार्यड एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, चूंकि ये गैंगस्टर उत्तर भारत के लगभग सभी हिस्सों में काम करते हैं और उनके साथ-साथ हर क्षेत्र में सक्रिय सेल भी हैं, इसलिए इन राज्यों के पुलिस बलों के बीच एक बेहतर तालमेल स्थापित करने की जरूरत है. पुलिस प्रशिक्षण के दौरान साइबर और संगठित अपराधों को ध्यान में रखना चाहिए. चूंकि गैंगस्टर जेलों से भी अपना अभियान चलाना जारी रखते हैं, इसलिए पुलिस को जेलों के प्रशासनिक ढांचे में भारी बदलाव करना चाहिए.
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