स्टोरी हाइलाइट्स
Russia के खिलाफ एक्शन में आया नाटो
कुल आठ जंगी बेड़े तैनात करने की तैयारी
नई दिल्लीः यूक्रेन पर रूस के लगातार हमले और जंग के बीच एक महीने बाद गुरुवार को नाटो के देशों ने ब्रसेल्स Russia के खिलाफ घेराबंदी की तैयारी शुरू कर दी है. नाटो की इस इमरजेंसी मीटिंग पर पूरी दुनिया की नजरें गढ़ाए हुआ था. यूक्रेन पर Russia के हमले को लेकर नाटो के काउंटर प्लान पर भी फैसला होना था.
Russia के घेराबंदी की तैयारी
नाटो के अनुसार बाल्टिक समुद्र से ब्लैक सागर तक नाटो अपने कुल आठ जंगी बेड़े तैनात करने की तैयारी में भी है. इस मीटिंग में अमेरिकी राष्ट्रपति के अलावा दुनियाभर के कुल 30 राष्ट्रो ने हिस्सा लिया. रक्षा विशेषज्ञयों के अनुसार इस मीटिंग से साफ जाहिर हैं कि पुतिन अपने ही परमाणु जाल में बुरे फंस चुके हैं. हालांकि मीटिंग में नाटो ने यूक्रेन के किसी भी फायदे की बात नहीं की. बल्कि सीधे तौर पर नाटो ने अपने बचाव के लिए सभी योजनाओं पर ही चर्चा हुई.
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Russia पर आर्थिक दवाब और कूटनीतिक हमला नाटो का मकसद
गौरतलब है कि रूस पर नाटो के 30 देश, जी-7 के सात देश और यूरोपीय यूनियन के 27 देश मिलकर एक साथ दबाव बनाना चाहते हैं. ये सभी रूस पर आर्थिक प्रतिबंधों को और बढ़ाते हुए दबाव बनाना और यूरोपीय यूनियन इस मामले में रूस पर कूटनीतिक हमले करना चाहता है. पुतिन पर NATO के 30 देश, जी-7 के सात देश और यूरोपीय यूनियन के 27 देश मिलकर दबाव बनाना चाहते हैं. नाटो का मकसद है रूस की सैन्य घेराबंदी करना ताकि इन देशों पर हमले की स्थिति में नाटो हमला कर सके. जी-7 देशों का मकसद है रूस पर आर्थिक प्रतिबंधों को और बढ़ाते हुए दबाव बनाना और यूरोपीय यूनियन इस मामले में रूस पर कूटनीतिक हमले करना चाहता है.
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