Friday, December 1, 2023
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नायब सूबेदार चुन्नी लाल की शहादत के 14 साल पूरे, घायल होने के बावजूद मारे थे 4 आतंकी

स्टोरी हाईलाइट्स
14 साल पहले शहीद हुए थे चुन्नी लाल
शहादत के 14 साल पूरे होने पर सेना ने किया नमन
अनुकरणीय वीरता के लिए मिले कई सम्मान

भारत मां की रक्षा करते हुए शहीद हुए नायब सूबेदार चुन्नी लाल (Subedar Chuni Lal) को आज 14 साल हो गए हैं। बुधवार को श्रीनगर में सेना के वज्र संभाग ने याद करते हुए सलामी दी। इस दौरान वज्र संभाग के अधिकारियों ने नायब सूबेदार चुन्नी लाल को याद करते हुए कहा कि आज भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं में, चौदह वर्ष तक, सर्वोच्च बलिदान देते हुए अनुकरणीय वीरता और असाधारण आदेश के साहस का प्रदर्शन करने वाले नायब सूबेदार चुन्नी लाल को नमन है।

Subedar Chuni Lal की शहादत के 14 साल पूरे

नायब सूबेदार चुन्नी लाल को शहीद हुए आज 14 साल पूरे हो गए हैं। उनकी शहादत को लेकर बुधवार को श्रीनगर (Sri Nagar) में वज्र संभाग (जेकलाई) ने चुन्नी लाल की याद में एक कार्यक्रम रखा। जिसमें उनकी पत्नी चिंता देवी और उनकी पुत्री भी शामिल हुई। इस दौरान वज्र संभाग के अधिकारियों ने कहा कि चिंता देवी और उनकी पुत्री की मेजबानी करना ‘फारकियन ब्रिगेड’ के लिए बड़े सम्मान और गौरव की बात थी। चिंता देवी ने अपने पति, स्वर्गीय नायब सूबेदार चुन्नी लाल, अशोक चक्र, वीर चक्र, सेना पदक के संबंध में फरकियां ब्रिगेड मेमोरियल में गार्ड ऑफ ऑनर को देखा। बता दें कि उनका बड़ा बेटा मनवीर सिंह भी जेकलाई में है।

कौन थे चुन्नी लाल?

नायब सुबेदार चुन्नी लाल का जन्म 6 मार्च 1968 को जम्मू के भदरवाह में हुआ था। वे महज 19 साल की उम्र में सेना में शामिल हो गए थे। चुन्नी लाल जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) लाइट इंफेंट्री के 8वीं बटालियन के जवान थे। आज से 14 साल पहले 24 जून 2007 को चुन्नी लाल कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। दरअसल, भारतीय सीमा में 4 आतंकी घुसपैठ करने की फिराक में थे। चुन्नी लाल एक पलाटून कंपनी के इंचार्ज थे। चुन्नी लाल को जैसे ही आतंकियों की घुसपैठ की खबर लगी वह फौरन अपनी टीम के जवानों के साथ मौके पर पहुंच गए। इसी दौरान आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जिसमें एक आंतकी मारा गया था। इस मुठभेड़ में चुन्नी लाल भी गंभीर रूप से घायल हो गए। बावजूद इसके चुन्नी लाल ने हिम्मत नहीं हारी और बाकी बचे तीनों आतंकियों को मार गिराया। बाद में वह मां भारती की रक्षा करते हुए शहीद हो गए।

अनुकरणीय वीरता के लिए मिले कई सम्मान

देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले नायब सुबेदार चुन्नी लाल को भारत सरकार ने कई सम्मान से सम्मानित किया था। चुन्नी लाल को मरणोपरांत अशोक चक्र दिया गया। वर्ष 1984 में सियाचिन (Siachen) में हुए एक ऑपरेशन में उन्हें सेना मेडल मिला था। उसके बाद अगस्त 2006 में उन्हें एक बार पहले भी लाइन ऑफ कंट्रोल पर तैनात किया गया था। यहां उन्होंने दो आतंकियों को मार गिराया था। इसके लिए उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

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बता दें कि चुन्नी लाल की पत्नी चिंता देवी और वज्र डिवीजन के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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