नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को ज्ञानवापी मस्जिद के बारे में कहा कि कुछ जगहों के प्रति हमारी अलग भक्ति थी और हमने उसके बारे में बात की, लेकिन हमें रोजाना एक नया मुद्दा नहीं लाना चाहिए. ज्ञानवापी के प्रति हमारी भक्ति है और उसी के अनुसार कुछ करना ठीक है, लेकिन हर मस्जिद में शिवलिंग की तलाश क्यों?
नागपुर में कर रहे थे कार्यक्रम को संबोधित
नागपुर में संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष 2022 के समापन समारोह में सरसंघचालक ने कहा, जहां हिंदुओं की भक्ति है, वहां मुद्दे उठाए गए हैं. हिंदू मुसलमानों के खिलाफ नहीं सोचते, मुसलमानों के पूर्वज भी हिंदू थे. हिंदुओं को लगता है कि उन्हें हमेशा के लिए स्वतंत्रता से दूर रखने और मनोबल दबाने के लिए धर्मस्थलों को तोड़ा गया था, इसलिए धार्मिक स्थलों को पुनर्स्थापित किया जाना चाहिए.
संघ प्रमुख ने कहा, मन में कोई मुद्दा हो तो उठ जाता है. यह किसी के खिलाफ है, ऐसा नहीं माना जाना चाहिए. कुछ ऐसा है तो आपसी सहमति से रास्ता खोजें. हालांकि हर बार रास्ता नहीं निकल सकता, जिसके कारण लोग अदालत जाते हैं. हमें अपनी न्यायिक प्रणाली को पवित्र और सर्वोच्च मानते हुए फैसलों का पालन करना चाहिए. उसके फैसलों पर सवाल नहीं उठाना चाहिए.
विश्व विजेता नहीं बनना
भागवत ने कहा, भारत को विश्व विजेता नहीं बनना है. भारत किसी को जीतने के लिए नहीं बल्कि सभी को जोड़ने के लिए अस्तित्व में है. उन्होंने पूछा, क्या हम विश्व विजेता बनना चाहते हैं? नहीं, हमारी ऐसी कोई आकांक्षा नहीं है. हमें किसी को जीतना नहीं है. हमें सबको जोड़ना है. संघ भी सबको जोड़ने का काम करता है, जीतने के लिए नहीं.
बिना नीति सत्ता निरंकुश हो जाती है
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