स्टोरी हाइलाइट्स
Mahashivratri पर बन रहें शुभ संयोग
जानिए पूजा की शुभ मुहूर्त और विधि
हर साल कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि (Mahashivratri ) का पर्व मनाया जाता है. महादेव शिव के पूजन का सबसे महत्वपूर्ण पर्व शिवरात्रि के व्रत को अर्धरात्रिव्यापिनी चतुर्दशी तिथि में करना चाहिए. Mahashivratri पर भगवान शिव की चार पहर की पूजा का विधान है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव के चारों पहर के पूजने से मनुष्य की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
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Mahashivratri पर चारों पहर के पूजन का मुहूर्त
पहले पहर की पूजा मंगलवार को शाम 6.21 से 9.27 बजे तक होगी. फिर रात को 9.27 से 12.33 बजे तक दूसरे पहर की पूजा होगी. इसके बाद बुधवार को रात 12.33 से 3.39 बजे तक तीसरे पहर की पूजा होगा. अंत में रात 3.39 से सुबह 6.45 तक चौथे पहर का पूजन होगा.महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के पूजन के लिए शुभ मुहूर्त मंगलवार, मार्च 1, 2022 को निशिता काल पूजा समय – 12:08 से 12:58 और 02 मार्च शिवरात्रि पारण समय 06:45 है.
Mahashivratri की पूजा विधि
भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा Mahashivratri पर रात्रि काल में होती है. हालांकि लोग चारों प्रहर में से अपनी सुविधानुसार भी यह पूजन कर सकते हैं. इसके अलावा इस दिन मिट्टी के पात्र या तांबे के लोटे में जल, मिश्री, कच्चा दूध डालकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए. साथ ही इस दिन शिवलिंग पर बेलपत्र, आंकड़े के फूल, चावल आदि अर्पित करना शुभ होता है. इस दिन महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए.
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