नई दिल्लीः मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य राशि परिवर्तन करके मकर राशि में प्रवेश करेंगे. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सूर्य देव का राशि परिवर्तन बहुत ही खास होता है. सभी राशियों का राजा भगवान सूर्य को माना जाता है. मकर संक्रांति के दिन ही मकर राशि में भगवान सूर्य के प्रवेश के साथ खरमास खत्म होगा. ये तो हो गई राशियों की बात लेकिन क्या आप जानते Makar Sankranti इस त्योहार का एक अद्भुत जुड़़ाव महाभारत काल से भी है.
Makar Sankranti मकर संक्राति से महाभारत का अद्भुत जुड़़ाव
चलिए हम आपको बताते है. 18 दिन तक चले महाभारत के युद्ध में भीष्म पितामह ने 10 दिन तक कौरवों की ओर से पांडवों के खिलाफ युद्ध लड़ा.पितामह के युद्ध कौशल से पांडव में व्याकुलता व्यापत थी. जिसके बाद पांडवों ने शिखंडी की मदद से भीष्म पितामह को को धनुष-बाण त्यागने पर मजबूर किया और फिर अर्जुन ने उन पर बाण चलाकर उन्हें गिरा दिया. कहा जाता है कि भीष्म पितामह को इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था. इसलिए वो अर्जुन के इस गंभीर प्रहारों के बावजूद जीवित रहे. यह भी कहा जाता है कि भीष्म पितामह ने अपने प्राण त्यागने के लिए भगवान सूर्य के उत्तारायण होने का इंतेजार किया था, क्योंकि इस दिन प्राण त्यागने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. और सूर्य इस दिन मकर राशि में प्रवेश करते है. जिस दिन Makar Sankranti का त्योहार मनाया जाता है.
Makar Sankranti के दिन सूर्य़ का उत्तरायण
एक कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने भी सूर्य के उत्तरायण का महत्व बताते हुए कहा था की 6 माह के शुभ काल में जब सूर्य देव उत्तरायण होते हैं और धरती प्रकाश से भर जाती है . उस समय शरीर त्यागने वालों को पुनर्जन्म नहीं होता है. वो लोग सीधे ब्रह्म को प्राप्त होते हैं, यानी उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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