Saturday, December 2, 2023
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राहु-केतु हैं खतरनाक, इनके अशुभ प्रभावों को कैसे करें कम ?

ज्योतिष के मुताबिक किसी भी इंसान की जिंदगी में ग्रहों का बड़ा प्रभाव माना गया है। ज्योतिष के हिसाब से ग्रहों की दशा अगर सही हो तो इंसान की जिंदगी सुखमय होती है, लेकिन अगर ग्रहों की दशा खराब हुई तो उसका जीना मुहाल हो जाता है।  अगर किसी का जीवन सुचारू रूप से नहीं चलता है तो लोग अमूमन पूछ ही लेते हैं या बोल देते हैं कि तुमपर राहु भारी है या फिर तुमपर राहु की दशा चल रही है।

इंसान के लिए हानिकारक है राहु

राहु को सामान्य रूप से हानिकारक प्रभाव वाला माना जाता है।  इसे एक ऐसा ग्रह माना जाता है जो आलस्य, देरी और काम में बाधा उत्पन्न करता है।  राहु एक राशि में 18 महीने तक बना रहा है या फिर अपनी छाया प्रतिबिम्बित करने के लिए जाना जाता है।  अगर कुंडली में इसे नकारात्मक रूप से रखा जाए तो यह भ्रम, अवसाद और भावनात्मक असंतुलन पैदा कर सकता है।

ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु शुभ स्थिति में बैठता है तो भाग्य उज्ज्वल होता है।  साथ ही उक्त व्यक्ति तीव्र बुद्धिवाला होता है।  ऐसे जातक को मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।   राहु का शुक्र, बुध और शनि जैसे ग्रहों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध है वहीं चंद्रमा और सूर्य शत्रु ग्रह हैं।

क्या हैं राहु और केतु ?

राहु उत्तरी चंद्रमा की गांठ है और यह केतु के साथ एक छाया ग्रह है जो कि सूर्य और चंद्र ग्रहण का कारण बनता है।  राहु का कोई भौतिक आकार नहीं है, यह एक काल्पनिक ग्रह है लेकिन ज्योतिष में राहु के महत्व को देखते हुए इसे ऋषियों द्वारा ग्रह का दर्जा दिया गया है।

वहीं वैदिक ज्‍योतिष के मुताबिक केतु भी एक खतरनाक ग्रह माना जाता है।  किसी भी इंसान पर केतु के शुभ और अभुश दोनों प्रकार के प्रभाव होते हैं। कई की जातक की कुंडली में केतु शुभ होने उसे काफी धन की प्राप्ति होती है, लेकिन अगर केतु अशुभ हो तो उसकी जिंदगी असामान्य ही बनी रहती है।

कुंडली से राहु की दशा सुधारने के ज्योतिषिय उपायः

1 . राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए नीले धागे में बंधा हुआ चंदन पहनना चाहिए। इससे आपको भय और क्रोध से मुक्ति मिलेगी।

  1. हर रोज राहु काल के दौरान ध्यान लगाए, इससे आपकी कुंडली में राहु के बुरे प्रभाव की रक्षा होती है।

  2. अमावस्या के समय मंदिर में जल और चार नारियल दान करें।

  3. बृहस्पति एकमात्र ऐसा ग्रह है जो राहु को नियंत्रित कर सकता है। बृहस्पति ‘गुरु’ का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए अपने गुरु की पूजा और सम्मान करना चाहिए। राहु के हानिकारक प्रभावों से खुद को बचाने का यह सबसे अच्छा तरीका है।

  4. रोज ‘ओम रा रहवे नमः’ मंत्र का जाप करें। इस मंत्र को किसी भी उम्र और राशि के लोग जाप कर सकते हैं। क्योंकि इससे सभी के राहु का दशा सुधरती है।

  5. अगर आप चैन की नींद नहीं सो पा रहे हैं तो सौंफ के बीज तकिये के नीचे रखने से राहु के प्रभाव में सुधार होगा।

  6. 40 दिन की अवधि में 18 हजार बार राहु बीज मंत्र का जाप करने से राहु की दशा में जबरदस्त सुधार होता है।

  7. चांदी से बने हाथियों को अपने घर में रखने से और कुछ भी पीने के लिए चांदी के गिलास का उपयोग करने से लाभ हो सकता है।

  8. आठ मुखी रुद्राक्ष के आठ रूप होते हैं, इसलिए इसे धारण करने निश्चय लाभ होता है।

  9. जितना हो सके गहरे नीले रंग के कपड़े पहनें।

  10. शनिवार को उपवास करें और सूर्यास्त के बाद भोजन करें।

  11. आप दक्षिण-पश्चिम कोने में पानी जमा करें क्योंकि यह आपकी कुंडली में राहु को बेहतर बना सकता है।

  12. काले और नीले रंग के कपड़े और भोजन वंचित लोगों को दान करें। राहु को प्रसन्न करने के लिए इसका बहुत लाभ होगा।

  13. लगातार 43 दिनों तक नहाते समय पानी में एक कप दूध मिलाकर पीने से भी आपको फायदा होगा।

केतु भी हद तक है हानिकारक

राहु की तरह केतु भी इंसान की जिंदगी में नाकारत्मक प्रभाव वाला होता है।  ज्योतिष विज्ञान में लाल किताब का काफी महत्व है, इसके मुताबिक ब्रह्माण्ड में दो तरह के केतु हैं।  एक केतु कुत्ते के रूप में होता है जो आपके घर की रखवाली करता है, वहीं केतु का दूसरा रूप चूहा होता है जो आपके घर को खोखला कर देता है।  इसलिए अगर आपके घर में चूहों की संख्या हद से अधिक है तो समझ लीजिए आप पर केतु का नकारात्मक प्रभाव है।

केतु की दशा सुधारने के लिए ज्योतिषिय उपायः

1 . हर रोज करें श्री गणेशाय नमः 

हर शुभ कार्य में गणेश जी की पूजा पहले की जाती है।  केतु का शांत करने के लिए रोजाना श्रीगणेशाय नमः करें।  श्री गणेश की पूजा के वक्त द्वादश नाम स्रोत पाठ भी करें।  इसके अलावा नारियल, उड़द, तिल तेल, लोहा, कपिला गाय आदि का दान करने से सार्थक फल की प्राप्ति होती है।  हालांकि सभी को अपने बुजुर्ग माता-पिता की सेवा करनी चाहिए।  यह जान लें कि माता-पिता की सेवा करने और उनका अधिक ध्यान रखने से केतु काफी खुश रहते हैं इसलिए अपने बुजुर्ग माता-पिता की सेवा करें।

2 . कुत्ते और गाय को भोजन कराएं

जैसा कि ऊपर भी बताया गया है कि केतु छाया का ग्रह होता है और ये अपना प्रभाव भौतिक रूप के बिना भी दिखाता है।  इसके अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए ज्योतिष में लाल गाय को हरा चारा खिलाने को बताया गया है वहीं कुत्तों को भी खाना खिलाने से अशुभ प्रभाव खत्म होता है।

3. पानी में बहाएं कोयले के टुकड़े

कोयले के 8 टुकड़ों को हर मंगलवार को पानी में बहाने और लाल चींटियों को भोजन कराने से केतु शांत रहते हैं।  इतना ही नहीं किसी अपंग, कोढ़ का रोगी और नेत्रहीन व्यक्ति को एक से अधिक रंग का कपड़ा भी दान करना चाहिए।

4. भैरव बाबा की करें उपासना

केतु के अशुभ दशा को सुधारने के लिए भैरवजी पूजा करें, साथ ही उन्हें चावल का भोग लगाएं याद रहे चावल केले के पत्ते पर रखा हो।  आप अपने साथ हमेशा हरे रंग का रूमाल रखें, पीपल के पेड़ की परिक्रमा और नागमूर्ति की पूजा करें।

5. कन्याओं और महिलाओं से जुड़े उपाय

जिसकी कुंडली में केतु प्रभावी हो चुका है उसे छोटी बच्चियों को रविवार के दिन दही में चीनी मिलाकर खिलाना चाहिए।  इसके अलावा अगर इन्हें हलवा खिलाया जाए तो सार्थक फल मिलता है।  विवाहित महिलाओं को तिल का लड्डू खिलाने और उन्हें दान स्वरूप तिल देने से केतु का नकारात्मक प्रभाव कम होता है।  साथ ही हर दिन शाम को गाय के घी से मंदिर में दीया जलाना चाहिए।

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