नई दिल्लीः पूरे देश में इस समय कोयला संकट और बिजली संकट के लेकर मौहाल गर्म है. जिसको लेकर राजनीतिक सियासत भी एक -दूसरे में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. इस दौरान केंद्रों पर राज्यों के कथित बकाया होने की भी चर्चा सामने आ जा रही है. जिसमें पहले छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और फिर अब अब झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कोयला संकट और बकाए पर केंद्र सरकार पह तीखा हमला बोला है.
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कोयला संकट पर झारखंड सीएम का बयान
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने दिल्ली में कहा, राज्य बकाया का भुगतान नहीं कर रहे हैं? पता करें कि मौजूदा बिजली संकट में क्या स्थिति है और किस पर कितना बकाया है. यदि आप चाहें तो मैं आपको व्हाट्सएप पर विवरण भेज सकता हूं कि भारत सरकार ने हमें बकाया राशि का कितना भुगतान किया है.
अगर भारत सरकार ने हमें वापस भुगतान किया होता, तो हम 50 रुपये प्रति यूनिट की दर से खरीदारी करते और लोगों को इसकी आपूर्ति करते. हमने अपने बकाया के 1,30,000 करोड़ रुपये से अधिक के भुगतान के लिए भारत सरकार को लिखा था। यह बकाया कोयला, हमारे खनन क्षेत्रों के राजस्व संसाधनों आदि से संबंधित है.
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सीएम बघेल ने भी केंद्र पर बोला हमला
इससे पहले छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने ट्रेनें बंद करने के केंद्र के फैसले पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा कि अगर कोयले की कोई कमी नहीं है तो यात्री ट्रेन सेवाएं क्यों बंद कर दी गई हैं? छत्तीसगढ़ से 23 मालगाड़ियां कैंसिल हुई हैं, हमने रेल मंत्री से बात की तो 6 ट्रेनें चलाई गईं.
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