Tuesday, December 5, 2023
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Tokyo Paralympics 2021 में भारत ने रचा इतिहास, महिला शूटर अवनि लेखारा ने जीता गोल्ड

स्टोरी हाईलाइट्स
Tokyo Paralympics में शूटिंग में गोल्ड  
10 मीटर एयर रायफल शूटिंग में जीता गोल्ड
अवनि लेखारा ने विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की

सोमवार की सुबह भारत के लिए बड़ी खुशखबरी आई है।  शूटिंग में अवनि लेखारा (Avani Lekhara) ने इतिहास रचते हुए देश को पहला गोल्ड मेडल दिलाया। 19 वर्ष की अवनि पैरालंपिक (Tokyo Paralympics 2021) खेलों में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं हैं।  वहीं, योगेश ने डिस्कस थ्रो में सिल्वर मेडल अपने नाम किया। योगेश 44.38 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ दूसरे स्थान पर रहे।

Tokyo Paralympics 2021 में भारत को पहला गोल्ड

टोक्यो पैरालंपिक में देश को पहला गोल्ड मेडल मिल गया है।  सोमवार को महिला प्रतियोगिता में भारत की तरफ से अवनि लेखारा (Avani Lekhara) ने 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 के फाइनल में जीत दर्ज करते हुए गोल्ड मेडल हासिल किया है।  लेखारा ने 249.6 अंक बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए पहला स्थान हासिल किया है।  उन्होंने चीन की झांग कुइपिंग को पीछे छोड़ा है।

PM मोदी ने दी बधाई

पैरालंपिक में गोल्ड जीतने पर अवनि लेखारा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी है। उन्होंने लिखा कि, “कड़ी मेहनत से स्वर्ण पदक जीतने के लिए बधाई।  यह आपके मेहनती स्वभाव और शूटिंग के प्रति जुनून के कारण संभव हुआ है।  यह वास्तव में भारतीय खेलों के लिए एक विशेष क्षण है।  भविष्य के लिए आपको बहुत शुभकामनाएं।”

गोल्ड के साथ सिल्वर की बौछार

पैरालंपिक (Tokyo Paralympics 2021)  में गोल्ड मेडल के साथ ही भारत के खाते में सिल्वर मेडल की बौछार लग गई है।  जैवलीन थ्रो में भारत के देवेंद्र झाझरिया (Devendra Jhajharia) ने पुरुषों के भाला फेंक के एफ 46 वर्ग में सिल्वर मेडल जीता।  वहीं, भारत के योगेश कथूनिया ने पुरुषों की चक्का फेंक स्पर्धा के एफ 56 वर्ग में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए सिल्वर मेडल जीता है।  इसके अलावा सुंदर सिंह गुर्जर ने पैरालंपिक खेलों में पुरुषों के भाला फेंक के एफ 46 वर्ग में कांस्य पदक जीता है।  बता दें कि शूटिंग में महावीर स्वरूप उन्हालकर फाइनल में मेडल लाने से मामूली अंतर से पीछे रह गए।

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12 साल की उम्र में अवनी का हुआ था एक्सीडेंट

टोक्यो पैरालंपिक में देश को गोल्ड मेडल (Gold Medal) दिलाने वाली अवनी लेखारा 12 साल की उम्र में व्हीलचेयर पर आ गईं थीं।  2012 में उनका एक्सीडेंट हो गया था।  लेकिन अवनी ने हार न मानते हुए संघर्ष जारी रखा।  एक्सीडेंट के तीन साल बाद ही अवनी ने गोल्ड मेडल हासिल कर लिया था।  कोरोना की वजह से अवनी पिछले एक साल से घर पर ही प्रैक्टिस करती थीं।  अविन को विश्व ‘गोल्डन गर्ल’ के नाम से जानता है।

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