सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए हरियाली तीज का व्रत रखती हैं। Hariyali Teej का व्रत निर्जला किया जाता है। जिसकी वजह से इस व्रत को काफी कठिन माना जाता है। इस व्रत में फल और अन्न खाना तो नहीं ही होता है, सुहागिन महिलाएं पानी तक ग्रहण नहीं करती हैं। हरियाली तीज का सीधा संबंध बांके बिहारी जी से है। इस व्रत के बारे में हम इस लेख में सबकुछ बता रहे हैं।
हर साल सावन में होता है Hariyali Teej व्रत
हिन्दी पंचांग के मुताबिक हर साल सावन के महीने में हरियाली तीज का व्रत रखा जाता है। उसी के मुताबिक इस साल 11 अगस्त को हरियाली तीज का व्रत है। इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। उसके बाद शाम को भगवान शिव और पार्वती की पूजा कथा होती है। इस व्रत का उद्देश्य सदा सुहागिन रहने का आशीर्वाद भगवान शिव और पार्वती से लेना होता है। धार्मिक मान्यता की मानें तो इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का मिलन हुआ था।
हरियाली तीज को क्या करें ?
1 . हरे रंग की चूड़ियां पहनें, क्योंकि इसे पति की लंबी उम्र, सेहत और खुशी का प्रतीक माना जाता है।
2. सुहागिन महिलाओं को इस दिन मायके से आई चीजों का इस्तेमाल करने की परंपरा है। इस दिन सुहागिनों के मां-बाप अपनी बेटी को साड़ी, 16 श्रृंगार के सामान, फल, मिठाई समेत कई सामान भेजते हैं।
3. इस दिन सुहागिन महिलाओं को भगवान शिव की कथा जरूर सुननी चाहिए। इस कथा के बिना व्रत को अधूरा माना जाता है।
4. हरियाली तीज के दिन सुहागिनों को मां पार्वती से जुड़ी गीत, कथाएं पढ़ना और सुनना चाहिए।
हरियाली तीज व्रत को भूलकर भी ये न करें
1 . इस दिन किसी का भी अपमान न करें, साथ ही किसी पर क्रोध भी ना करें।
2. सुहागिन व्रती किसी भी तरह की लड़ाई झड़गों से बचें, साथ ही किसी दूसरे के प्रति नकारात्मक विचार ना आने दें।
3. इस दिन अपने जीवन साथी से कोई भी बात ना छुपाएं। इस दिन झूठ बोलना भी सही नहीं होता है। अगर कोई सुहागिन ऐसा करती हैं, तो उनके पति पर दुखों का पहाड़ टूटता है।
4. सफेद कपड़ा पहनना इस दिन बिल्कुल वर्जित है। इससे पति के जीवन में अशुभ होता है।