पेट्रोल-डीजल को GST में लाने की तैयारी शुरू, काउंसिल ने की बैठक
स्टोरी हाईलाइट्स
GST के दायरे में आ सकता है पेट्रोल-डीजल
लखनऊ में वित्त मंत्री करेंगी बैठक
संसद में सरकार कर चुकी है इनकार
देश में इन दिनों महंगाई आसमान छूने को बेताब है। हर सेक्टर में महंगाई तेज़ी से बढ़ रही है। पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें तो मानों कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। इस महंगाई के बीच पेट्रोल-डीज़ल के लिए एक राहत भरी ख़बर है। आने वाले दिनों में पेट्रोल डीज़ल की क़ीमतों में थोड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है। दरअसल, केंद्र सरकार (Modi Government) पेट्रोल- डीजल को जीएसटी (GST Council Meeting) के दायरे में लाने पर विचार कर रही है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर मंत्रियों का एक पैनल एक देश और एक दर के तहत पेट्रोलियम उत्पादों पर कर लगाने पर विचार करेगा। अगर ऐसा हो जाता है तो पेट्रोल 75 रुपये और डीजल 68 रुपये में मिलने की संभावना है।
लखनऊ में वित्त मंत्री GST Council Meeting में लेंगी हिस्सा
पेट्रोल डीजल (Petrol Diesel Under GST) की बढ़ती महंगाई को लेकर केंद्र सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। दरअसल, 17 सितंबर को यूपी की राजधानी लखनऊ में जीएसटी काउंसिल की बैठक होगी। इस बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) करेंगी। बताया जा रहा है कि बैठक में पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार-विमर्श किया जाएगा। जीएसटी प्रणाली में कोई भी बदलाव करने के लिए समिति के एक तीन चौथाई सदस्यों की मंजूरी आवश्यक होती है। इस समिति में सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री सदस्य के रूप में शामिल हैं। इनमें से कुछ वित्त मंत्री पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने के खिलाफ हैं, क्योंकि केंद्र व राज्य सरकारों के लिए यह एक प्रमुख राजस्व स्रोत हैं।
संसद में सरकार कर चुकी है इनकार
जुलाई में संसद के मानसून सत्र के दौरान संसद के सदस्यों ने केंद्र सरकार से पेट्रोल-डीजल को लेकर सवाल किया था कि ‘‘क्या डीजल, पेट्रोल की कीमतों पर नियंत्रण के लिये पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने की योजना है?’’ इसके जवाब में प्राकृतिक गैस एवं पेट्रोलियम मंत्री रामेश्वर तेली ने कहा था कि, ‘‘वर्तमान में इन उत्पादों को जीएसटी (GST) के दायरे में लाने की कोई योजना नहीं है। अभी तक जीएसटी परिषद् ने तेल और गैस को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में शामिल करने की सिफारिश नहीं की है।’’
मालूम हो कि केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) की ओर से पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाए जाने को लेकर याचिका दायर की गई थी। जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार को पेट्रोल डीज़ल को जीएसटी के दायरे में लाने का निर्देश दिया था। फिलहाल कोर्ट के निर्देश के बाद जीएसटी काउंसिल के समक्ष यह मामला 17 सितंबर को लाया जाएगा। लखनऊ में जीएसटी कांउसिल की 45वीं बैठक होनी है। इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेट्रोल डीजल को लेकर क्या फ़ैसला लेती हैं ये देखना दिलचस्प होगा। क्योंकि आम आदमी इन दिनों पेट्रोल-डीजल की बढ़ी क़ीमतों से परेशान नज़र आ रहा है।