नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 13 मई 2022 दिन इतिहास के पन्ने में साल के सबसे बुरे हादसों के रूप में दर्ज हो गया. दिल्ली के मुंडका इलाके में एक तीन मंजिला इमारत में भीषण आग लग गई. जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई है. इनमें दमकल के विभाग के भी दो कर्मचारी शामिल है. वहीं यह खबर लिखे जाने तक 12 लोगों के गंभीर रूप से झुलसने की खबर है. जिनका संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में इलाज चल रहा है. औऱ उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. हालांकि इस हादसे में 100 से ज्यादा लोंगो को सुरक्षित निकाला लिया गया है. 12 घायलों को संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है.
अभी और शव होने की आंशका
इस हादसे के लेकर बाहरी जिला दिल्ली के DCP समीर शर्मा ने बताया कि, बताया कि, “दुर्घटना में जो शव मिले हैं वो ऐसी स्थिति में है कि शिनाख्त करना मुश्किल है इसमें हमें फोरेंसिक टीम मदद करेगी और जो लोग लापता है उसे मैच कराएंगे ताकि शिनाख्त हो सके. लापता लोगों की लिस्ट हम रातभर में तैयार करेंगे. FIR दर्ज हुआ है और कंपनी के मालिक को हमने हिरासत में लिया है.” इस दौरान DCP समीर शर्मा ने इमारत में अभी और भी शव होने की आशंका जताई है.
कब हुआ हादसा
मुंडका इलाके में शुक्रवार शाम एक तीन मंजिला इमारत में भीषण आग लग गई. पुलिस अधिकारियों के अनुसार शुरुआती जांच में पता चला है कि आग इमारत की पहली मंजिल से शुरू हुई. जहां पर सीसीटीवी कैमरों और राउटर निर्माण कंपनी के अलावा कई कंपनियों के कार्यालय है. जडानकारी के अनुसार शुक्रवार शाम करीब 4.45 बजे मुंडका के तीन मंजिला व्यवसायिक इमारत में आग लगने की जानकारी मिली. आग लगने के दौरान इन कार्यालय में काफी लोग मौजूद थे. कुछ ने आग लगते ही वहां से भागने की कोशिश की लेकिन ज्यादातर लोग आग में फंस गए. देखते ही देखते आग तेजी से फैलने लगी औऱ पहली मंजिल पर लगी आग तुरंत ऊपर की मंजिलों तक पहुंच गई. इमारत से आग की तेज लपटें उठने लगी. जो इलाके के काफी दूर हिस्से से भी साफ दिखने लगी.
100 से अधिक लोगों को निकाला सुरक्षित
आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल कर्मी मौके पर पहुंचे और राहत बचाव का काम शुरू कर दिया. राहत बचाव कार्यों में शामिल पुलिस औऱ दमकल के कर्मियों ने इमारत की खिड़कियां तोड़कर वहां फंसे करीब 60 लोगों को रस्सी की मदद से बाहर निकाला. वही खबर लिखे जाने तक सुरक्षाबलो ने 100 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया है. काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका. लेकिन तब तक इस हादसे कई जिंदगी को जलाकर राख कर दिया. और कुछ अब भी अस्पतालों में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे है.
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