स्टोरी हाईलाइट्स
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर का बड़ा बयान
कृषि बिल को दे सकते हैं नया रूप
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानून (farmers law:) एक साल के लबें विरोध प्रदर्शन के बाद वापस लिया गया. लेकिन शुक्रवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कृषि कानून को लेकर दिया गया बयान लोगों का ध्यान खींच रहा है. महाराष्ट्र के नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि देश भर में किसानों के विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिए गया है और अब इसे नया रूप दिया जा सकता है. कृषि मंत्री ने इस दौरान ये भी कहा कि ‘हमने तो एक ही कदम तो पीछे खींचा है, फिर आगे बढ़ेंगे क्योंकि किसान भारत की रीढ़ हैं.’
नागपुर में कृषि मंत्री किसान बिल (farmers law) पर कहा
नागपुर में अपने संबोधन के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों (farmers law) को खत्म करने को लेकर कुछ लोगों को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि कहा कि सरकार कृषि संशोधन कानून लायी. लेकिन कुछ लोगों को ये कानून पसंद नहीं आया. ये आजादी के 70 साल बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक बड़ा सुधार था. लेकिन हम बिल्कुल भी निराश नहीं है.य हम एक कदम पीछे हटे हैं, हम फिर आगे बढ़ेंगे क्योंकि किसान भारत की रीढ़ हैं.
तीनों कृषि कानूनों (farmers law) के खिलाफ 1 साल तक चला प्रदर्शन
बता दें कि किसानों द्वारा एक साल से अधिक समय तक दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन करने के बाद बीते 19 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों कृषि कानूनों (farmers law) को वापस लेने का एलान किया. जिसे संसद के शीतकलीन सत्र में वापस लिया गया. अचानक मोदी सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को विपक्ष ने चुनावी फैसला बताया था. लेकिन जिस तरह से केंद्रीय कृषि मंत्री ने बीते दिन अपने बयान में कृषि कानून को लेकर बातें कही उससे ऐसा लग रहा है कि विधानसभा चुनाव के बाद सरकार कृषि कानून को लेकर कोई कदम उठा सकती है.
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