पिछले कई दिनों से करनाल में किसानों (Farmer Protest) का चल रहा धरना खत्म हो गया है। प्रशासन और किसान नेताओं के बीच कई घंटे चली बैठक के बाद दो मांगों पर सहमति बन गई है। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Charuni) और प्रशासन की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में देवेंद्र सिंह ने कहा कि 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज की न्यायिक जांच की जाएगी। जिसकी निगरानी रिटायर्ड हाई कोर्ट के जज करेंगे। वहीं ‘सिर फोड़ने’ का आदेश देने वाले SDM को छुट्टी पर भेजा गया है।
मृतक किसान के बेटे को DC रेट पर नौकरी
करनाल प्रशासन (Karnal) और आंदोलन कर रहे किसान नेताओं के बीच दो मांगों पर समझौता हो गया है। आंदोलन में घायल हुए किसान सुशील काजल के बेटे को डीसी रेट पर नौकरी दी जाएगी। ये नियुक्ति एक हफ्ते के भीतर करने की बात हुई है। वहीं मामले की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज द्वारा की जाएगी। मामले की जांच एक महीने के अंदर की जाएगी।
Farmer Protest में ‘सिर फोड़ने’ का आदेश देने वाले SDM की छुट्टी
बसताड़ा में आंदोलन कर रहे किसानों का ‘सिर फोड़ने’ का आदेश देने वाले SDM आयुष सिन्हा (Ayush Sinha) को छुट्टी पर भेज दिया गया है। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक SDM छुट्टी पर रहेंगे। दरअसल, साल 2018 बैच के IAS अधिकारी और करनाल के पूर्व SDM सिन्हा की एक वायरल वीडियो क्लिप के बाद विवाद खड़ा हो गया था। इस क्लिप में उन्हें पुलिसकर्मियों को किसानों अपर लाठीचार्ज के आदेश देते दिखाया गया था। उन्होंने कथित तौर पर प्रदर्शनकारी किसानों को घेरा तोड़ने पर मारने और उनका सिर फोड़ने का निर्देश दिया था। बताया जा रहा है कि जांच में SDM की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
लाठीचार्ज का कर रहे थे विरोध
दरअसल, 28 अगस्त को किसान बसताड़ा टोलप्लाजा (Bastara Toll Plaza) के पास प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान पुलिस की लाठीचार्ज में कई किसान घायल हुए थे। वहीं एक किसान की मौत हो गई थी। लाठीचार्ज के विरोध में 7 सितंबर को करनाल में किसान नेताओं ने महापंचायत की थी। जिसके बाद उसी दिन शाम को हजारों किसानों ने लघु सचिवालय पर डेरा जमा दिया था। किसान नेताओं की मांग है कि लाठीचार्ज का आदेश देने वाले SDM आयुष सिन्हा को बर्खास्त किया जाए। मृतक के बेटे को नौकरी और परिवार को 25 लाख रुपए के मुआवजे के साथ घायलों को दो-दो लाख रुपए की मदद दी जाए।
बता दें कि प्रशासन के न्यौते पर गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में सुरेश कौथ और रतन मान समेत 13 किसान नेता बातचीत करने पहुंचे थे। संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस के बाद गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों के बीच आकर चल रहे धरने को समाप्त करने की घोषणा की। उन्होंने किसानों से अब दिल्ली (Delhi Border) के टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर चलने को कहा है।