स्टोरी हाईलाइट्स
GST कलेक्शन 1 लाख करोड़ के पार
GDP में रिकॉर्ड बढ़ोतरी का दावा
सवालों के घेरे में GDP के आंकड़ें
भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) पटरी पर लौटती दिख रही है। बीते दिन वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में जीडीपी (Economic News) के आंकड़ें सामने आए हैं। पहली बार सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ रेट 20.1 फीसदी रही है। वहीं जीएसटी को लेकर भी सरकार के लिए राहत भरी खबर है। एक बार फिर जीएसटी (GST) कलेक्शन 1 लाख करोड़ के पार पहुंच गया है। अगस्त महीने में ग्रॉस जीएसटी रेवेन्यु 1,12,020 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले की इसी अवधि से तुलना करें तो जीएसटी राजस्व में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं जीडीपी की ग्रोथ अचानक बढ़ने से उस पर सवाल भी उठने लगे हैं।
Economic News: जुलाई के मुकाबले अगस्त में GST कलेक्शन में कमी
जीएसटी कलेक्शन एक बार फिर 1 लाख करोड़ के स्तर को पार कर गया है। लेकिन जुलाई के मुकाबले अगस्त महीने में जीएसटी (GST) कलेक्शन में कमी आई है। जुलाई 2021 में 1,16,393 करोड़ रुपये का ग्रॉस जीएसटी रेवेन्यु कलेक्शन था। इसमें सीजीएसटी 22,197 करोड़ रुपए, एसजीएसटी 28,541 करोड़ रुपए, आईजीएसटी 57,864 करोड़ रुपए और उपकर (सेस) 7,790 करोड़ रुपए शामिल हैं। जीएसटी कलेक्शन की जानकारी वित्त मंत्रालय के एक बयान में सामने आई। जिसमें बताया गया कि ‘अगस्त 2021 में सकल जीएसटी राजस्व 1,12,020 करोड़ रुपये है’।
GDP के आंकड़ों पर क्यों उठ रहे सवाल ?
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के GDP के नतीजे जारी कर दिए। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पहली तिमाही में जीडीपी 20.1 फीसदी रही है। जबकि पिछले साल इन्हीं दिनों में जीडीपी की ग्रोथ रेट माइनस 23.9 फीसदी रही थी। जीडीपी किसी भी देश की आर्थिक सेहत को मापने का एक अच्छा पैमाना जरूर होता है। लेकिन जीडीपी की ग्रोथ रेट अचानक बढ़ जाए तो सवालों के घेरे में आ जाती है।
✅Q1:2021-22 data reaffirms Government’s prediction of an imminent V-shaped recovery made last year at this time. Increase of 20.1% in GDP – despite the intense second wave in the months of April-May – highlights the continued economic recovery.
(1/5) pic.twitter.com/vt4vwDOiWo— Ministry of Finance (@FinMinIndia) August 31, 2021
जीडीपी (GDP) के आंकड़ों की बढ़ोत्तरी की हर जगह चर्चा तो हो रही है। लेकिन सरकारी आंकड़ें सवालों के घेरे में हैं ? केंद्र सरकार ने बताया कि पिछले साल अप्रैल से जून के बीच देश की जीडीपी 26.95 लाख करोड़ रुपए थी। जो इस साल अप्रैल से जून की तिमाही में 20 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 32.38 लाख करोड़ हो गई है।
पिछले आंकड़ों की चर्चा नदारद
लेकिन यहां एक बात की चर्चा नहीं है कि पिछले साल इस तिमाही की जीडीपी उसके पिछले साल के मुक़ाबले 24.4%कम थी। यानी 2019 में अप्रैल से जून के बीच भारत की GDP 35.85 लाख करोड़ रुपये थी। इन तीनों आंकड़ों को देखा जाए तो एक बात स्पष्ट हो जाती है कि अभी भी देश की अर्थव्यवस्था दो साल पहले के आंकड़ें तक नहीं पहुंच पाई है।
GDP की ताजा विकास दर -9.2: कौशिक बसु
कई अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अगर देश की अर्थव्यवस्था के मौजूदा स्वास्थ्य का सही अंदाजा लगाना है तो उसकी तुलना महामारी के पहले के हालात यानि वित्त वर्ष 2019-20 के आंकड़ों से करनी चाहिए।
It needs just a little arithmetic to see that India's Apr-Jun 2021 growth of 20.1% is shocking bad news. The 20.1% is in comparison to Apr-Jun 2020 when India's GDP had fallen by 24.4%. This means compared to GDP in Apr-Jun 2019 (i.e. 2 years ago) India has had a growth of -9.2%.
— Kaushik Basu (@kaushikcbasu) September 1, 2021