नई दिल्लीः केंद्रीय रक्षा मंत्री Rajnath Singh जम्मू-कश्मीर के दौरे पर है. कारगिल विजय दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारतीय सेना के जवानों के बीच मौजूद रहे. 23वें कारगिल दिवस के मौके पर कारगिल वाॅर मेमोरियल में 24 से 26 जुलाई तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होना है.
भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर देने वाले पराक्रमी सैनिकों और सुरक्षा बलों के परिवारों को आज जम्मू में कारगिल विजय दिवस की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित करके स्वयं को धन्य महसूस किया। pic.twitter.com/yuiocupkgD
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 24, 2022
Rajnath Singh ने शहीदों के परिजनों से की मुलाकात
इस दौरान रक्षामंत्री Rajnath Singh ने लोगों को संबोधित भी किया और कहा कि, ‘देश की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को हम आज याद कर रहे हैं. हमारी सेना ने हमेशा देश के लिए यह सर्वोच्च बलिदान दिया है. 1999 के युद्ध में हमारे कई वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी, मैं उन्हें नमन करता हूं. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कारगिल दिवस के मौके पर जम्मू में ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले सुरक्षाकर्मियों के परिजनों से भी मुलाकात की.
नेहरू की आलोचना नहीं करूंगा, नीति खराब हो सकती है नीयत नहींः Rajnath Singh
रक्षा मंत्री Rajnath Singh ने अपने संबोधन लद्दाख में चीन के कब्जे और देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित डवाहर लाल नेहरू का जिक्र करते हुए कहा कि 1962 में चीन ने हमारे प्रधानमंत्री के रूप में पंडित नेहरू के साथ लद्दाख में हमारे क्षेत्र पर कब्जा कर लिया. मैं उसकी मंशा पर सवाल नहीं उठाऊंगा. इरादे अच्छे हो सकते हैं लेकिन यह नीतियों पर लागू नहीं होता है.
हालाँकि, आज का भारत दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में से एक है. मैं भी एक विशेष राजनीतिक दल से आता हूं, लेकिन मैं भारत के किसी भी प्रधानमंत्री की आलोचना नहीं करना चाहता. किसी की नीतियों को लेकर तो हम आलोचना कर सकते हैं, लेकिन किसी की नीयत को लेकर सवाल नहीं उठा सकते.