चीन में इस समय गहरा संकट छाया हुआ है। इस संकट ने पूरे चीन में अंधेरा कर दिया है। चीन में इन दिनों बिजली संकट (China’s Power Crisis) छाया हुआ है। जिसकी वजह से घरों और फैक्ट्रियों की बत्ती सप्लाई में कटौती की गई है। इस संकट का सामना पूरी दुनिया को करना पड़ सकता है। बिजली संकट की वजह से चीन की अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगा है।
क्यों खड़ा हुआ बिजली संकट ?
चीन में आए बिजली संकट ने दुनिया के कई देशों को हैरत में डाल दिया है। दरअसल, चीन में यह संकट मैन्युफैक्चर्स की बढ़ती डिमांड के बीच बाधित हुई कोयला सप्लाई के कारण खड़ा हुआ है। गौरतलब है कि चीन (China) में कुछ बंदरगाह लंबे समय से बंद थे। ऐसे में मांग के अनुरूप कोयले की सप्लाई नहीं हो पाई। यह सप्लाई अभी भी बाधित है और कोयला मंगाने के लिए बंदरगाहों पर लंबी वेटिंग चल रही है। जिसकी वजह से कंपनियां पर्याप्त मात्रा में बिजली उत्पादन नहीं कर पा रही हैं।
कई देशों पर दिखेगा असर (China’s Power Crisis)
चीन में छाए बिजली संकट का असर दुनिया के कई देशों पर देखने को मिल सकता है। चीन दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स सामान सप्लाई करने वाला देश है। इस लिहाज से कई देशों में ऐसे सामान महंगे होने का खतरा मंडराने लगा है। चीन में बिजली के इस संकट की वजह से दुनिया भर में कार और स्मार्टफोन समेत बहुत से इलेक्ट्रौनिक गैजेट के उत्पादन पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा वैश्विक बाजार में मोबाइल फोन, कपड़ों, खिलौनों व मशीनों के पुर्जों की सप्लाई पर भी असर पड़ सकता है।
घरों की सप्लाई रोकी गई
चीन में बिजली संकट इस कदर आया हुआ है कि लोगों के घरों में अंधेरा छा गया है। चीन की सरकारी मीडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ घरों की बिजली आपूर्ति में कटौती की गई है। जिससे कुछ लोग लिफ्ट में फंस गए हैं। ट्रैफिक लाइट बंद हो जाने की वजह से सड़कों पर अफरा-तफरी का नजारा दिखता है। ऑस्ट्रेलिया से भी बड़े आकार का शहर गुआनदोंग एक औद्योगिक केंद्र हैं। यहां लोगों को घरों में प्राकृतिक रोशनी का इस्तेमाल और एसी का इस्तेमाल कम करने की सलाह दी गई है। यहां फैक्ट्रियों में पहले से ही बिजली कटौती हो रही है।
चीन में गहराते बिजली संकट की वजह से लोगों की मुश्किलें तो बढ़ ही रही हैं। इसके साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगा है। बिजली आपूर्ति न होने से सैकड़ों फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन में बिजली संकट की वजह से विकास दर में 0.1 से 0.15 फीसदी प्वाइंट तक की गिरावट आ सकती है। नोमुरा ने पूरे साल के विकास अनुमान को पहले ही 8.2 फीसदी से घटाकर 7.7% कर दिया है।