स्टोरी हाइलाइट्स
Bappi Lahiri का हुआ निधन
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया बिमारी से थे पीड़ित
कल होगा अंतिम संस्कार
नई दिल्लीः Bappi Lahiri died: अभी ज्यादा दिन नहीं हुए जब भारतीय संगीत जगत की सबसे सुरीली आवाज खामोश हुई. देश अभी इस सदमें से उबर नहीं पाया कि आज सुबह भारतीय सिनेमा जगत के मशहूर संगीतकार और गायक बप्पी लाहिड़ी का निधन हो गया. मंगलवार को मुंबई के क्रिटिकेयर अस्पताल में 69 साल के उम्र ‘बप्पी दा’ (Bappi Lahiri) हमेशा के लिए खामोश हो गए. कल ब्प्पी दा का अंतिम संस्कार किया जाएगा. बप्पी दा के निधन को लेकर देश भर में उन्हें याद और नमन किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर लोग उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहें है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी.
पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा….
Shri Bappi Lahiri Ji’s music was all encompassing, beautifully expressing diverse emotions. People across generations could relate to his works. His lively nature will be missed by everyone. Saddened by his demise. Condolences to his family and admirers. Om Shanti. pic.twitter.com/fLjjrTZ8Jq
— Narendra Modi (@narendramodi) February 16, 2022
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Bappi Lahiri की मौत से हर को हैरान
Bappi Lahiri के निधन की खबर ने पूरे देश को हैरान और दुखी कर दिया. कि आखिर बप्पी दा की क्या हुआ था. जो उनकी अचानक से मौत हो गई. उनके प्रशंसको के ये भी नहीं पता था कि वो किसी बिमारी से पीड़ित थे. और जिन्हें इस बारे में पता भी था उन्हें ये नहीं पता कि वो बिमारी कौन सी थी.
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से पीड़ित थे Bappi Lahiri
दरअसल बप्पी लाहिड़ी ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया नाम की बीमारी से पीड़ित थे. जिसकी वजह से सुरों की दुनिया ये मशहूर संगीतकार हमे हमेशा के लिए अलविदा कह गया. लेकिन क्या है ये ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया चलिए हम आपको इस के बारे में बताते हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया बिमारी के दौरान रात को सोते समय नाक में हवा का प्रवाह कम हो जाता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसमें मुंह और नाक के ऊपरी हिस्से में हवा भर जाती है। इसमें आपका वायुमार्ग छोटा हो जाता है या फिर बंद तक हो जाता है. जिसकी वजह से ये क्षण भर के लिए आपकी सांस लेना तक बंद कर देता है.
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लक्षण:
इस बीमारी में मरीज को सोते समय बेचैनी महसूस होती है. तेज खर्राटे आते है. कभी-कभी उनका दम भी घुटने लगता है और वो ठीक तरह से सांस नही ले पाते. इस दौरान मरीज को ज्यादा सुस्ती भी आती है और वो दिन में ज्यादा सोने लगते है.
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समय से इलाज जरूरी
इस बिमारी में मरीज को समय से इलाज जरूरी होता है. नही तो मरीज की समस्या बढ़ती है जाती है. इसलिए दिल से जुड़ी बीमारियां,स्ट्रोक का खतरा या फिर दिल की धड़कनों का असामान्य होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें. अगर आपका ब्लड प्रेशर हाई हो तो इस बिमारी का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में अपनी दिनचर्या में सुधार करें. साथ ही खानपान का विशेष ध्यान रखें. इसके अलावा अपने माटापे को नियंत्रित रखे. साथ ही योग औरवर्कआउट को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें.
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