नागासाकी और हिरोशिमा पर परमाणु बम (Atom Bomb) 9 अगस्त 1945 को गिराया गया था। परमाणु बम गिराये जाने के बारे में सभी लोग जानते हैं। लेकिन नागासाकी के कुछ ही दूरी पर एक जगह था कोकुरा, जिसके बारे में लोग शायद ही जानते हों। कोकुरा अब भले ही अस्तित्व में नहीं है। लेकिन उस वक्त नागासाकी के बदले अमेरिका ने कोकुरा को ही अपना निशाना बनाया था। लेकिन ऐसा क्या हुआ जो कोकुरा उस वक्त बच गया।
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नागासाकी पर अमेरिकी Atom Bomb हमला
9 अगस्त 1945 के हमले के वक्त कोकुरा शहर को कीटाक्यूशू में शामिल कर लिया गया। कीटाक्यूशू को कुछ नगरपालिकाओं के मिलाकर बनाया गया था। अब कोकुरा का अस्तित्व मिट चुका है। लेकिन आज भी जापानियों के जेहन से कोकुरा के लिए ना मिटने वाली यादें हैं। कोकुरा को Atom Bomb विस्फोटों के लिए चुना गया था। लेकिन एक चमत्कारिक तरीके से यह बच गया। दरअसल अमेरिका ने परमाणु बम को कोकुरा में कभी तैनात नहीं किया। क्योंकि वहां कुछ ऐसी प्रक्रियाएं हुईं, जिसकी वजह से अमेरिका को नागासाकी की ओर मूव करना पड़ा।
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‘लक ऑफ कोकुरा’ जापान की कहावत
इस घटना के बाद से जापान में एक कहावत बनी। जिसे ‘लक ऑफ कोकुरा’ कहते हैं। अब भी ऐसा इसलिए कहा जाता है जब किसी से साथ बहुत बुरा होने से बच जाता है। क्योंकि कोकुरा का इतिहास उसके अच्छे भाग्य को दर्शाता है।
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कोकुरा में क्या हुआ था ?
परमाणु बम गिराने के लिए जुलाई 1945 में अमेरिकी सेना ने जापान के कई शहरों को चुना। इसके लिए उन शहरों को चुना गया जहां फैक्ट्रियां और सैनिक ठिकाने थे। इन्हीं शहरों में कोकुरा भी था, इसका क्रम केवल हिरोशिमा से पीछे था। जिसकी वजह यह थी कि कोकुरा हथियार निर्माण का सबसे बड़ा केंद्र था। जापान की सबसे अधिक गोला-बारूद बनाने वाली फैक्ट्रियां यहीं थी। साथ ही यहां जापानी सेना की एक बड़ी आयुधशाला भी थी।
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कोकुरा पर गिरना था ‘फैट मैन’ बम
अमेरिका ने कोकुरा पर पहले फैट मैन बम गिराना निर्धारित किया था। जिसकी क्षमता 22 हजार TNT की ताकत थी। 6 अगस्त को यह बम STAND BY पर था। इसके ठीक तीन दिन बाद बी-29 बम गिराने वाले विमान कोकुरा के लिए उड़े। इन्हीं विमानों में ‘फ़ैट मैन’ लदा हुआ था। लेकिन कोकुरा की अच्छी किस्मत की वजह से शहर के ऊपर बादल और धुआं भरा हुआ था। अंदाजा है कि यह धुंआ यवाटा में की गई बमबारी की वजह से थी।
साथ ही कुछ इतिहासकारों का दावा है कि कोकुरा के कारखानों ने स्मोक स्क्रीन बनाने के लिए भारी मात्रा में कोयला जलाया था। अमेरिकी बमवर्षक विमानों को आदेश था कि टारगेट दिखने के बाद ही बम गिराना है। लेकिन धुएं की वजह से उन्हें टारगेट नहीं दिखा। साथ ही नीचे मौजूद सेना ने विमान को देख गोलीबारी शुरू कर दी।
नागासाकी तबाह, कोकुरा बच गया
अमेरिका की ओर से लगातार हो रहे हमलों को देखते हुए 15 अगस्त को जापानी सम्राट हिरोहितो ने किसी शर्त के बिना आत्मसमर्पण की घोषणा कर दी। हालांकि कोकुरा तबाही से बच चुका था, लेकिन नागासाकी की तबाही की वजह से लोगों में घबराहट थी। लोगों में नागासाकी को लेकर दुख और सहानुभूति भी थी। बाद में कीटाक्यूशू में एक नागासाकी परमाणु बम स्मारक बनाया गया। जो कि एक पहले के एक आयुधशाला के मैदान में बने एक पार्क में स्थित है। इस स्मारक में बम से बच जाने की किस्मत और नागासाकी की तबाही का वर्णन है।