वाराणसीः सर्वे के बाद Gyanvapi से बाहर अधिवक्ताओं ने अलग-अलग दावे किए. जहां एक ओर हिंदू पक्ष का दावा है कि उन्हें ऐसे साक्ष्य मिले हैं जिससे साफ होता है कि यहां पर मंदिर था. वहीं दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष ने इन सारे दावों को खारिज कर दिया है. दोनों ही पक्ष अब अदालत के समक्ष पेश होकर इस गुत्थी को सुलझाने में अपनी भूमिका अदा करेंगे. जिसके बाद इस मामले को लेकर फैसला हो सकेगा.
वहीं हिंदू पक्ष के अधिवक्ता ने दावा किया कि Gyanvapi परिसर में शिवलिंग मिला है. जिसके बाद मामला अदालत तक पहुंचा और आवेदन पर कोर्ट ने उक्त स्थान के सील करने का आदेश दिया. वही इस दावे के बाद से सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. एक तरफ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर इश पौराणइक संदेश बताया. तो वहीं ओवैसी ने इस पर तीखा पलटवार किया.
Gyanvapi में बाबा महादेव के प्रकटीकरण पौराणिक संदेश
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा कि, बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर ज्ञानवापी में बाबा महादेव के प्रकटीकरण ने देश की सनातन हिंदू परंपरा को एक पौराणिक संदेश दिया है. सत्य को आप कितना भी छुपा लीजिए, लेकिन एक दिन सामने आ ही जाता है क्योंकि सत्य ही शिव है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह खुशी का अवसर है और आगे कोर्ट जो भी आदेश देगा वह उसका स्वागत करेंगे.
ओवैसी बोले Gyanvapi में कयामत त रहेगी मस्जिद
वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर तीखा पलटवार करते हुए कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद थी, और कयामत तक रहेगी इंशाअल्लाह.
पेंट हुई दीवार की करीब से जांच
एक दीवार पर सफेदी रंग की पेंट लगी थी तो वादी पक्ष ने करीब से उसकी जांच की. तहखाने के अंदर एक हिस्से में मलबे व पानी की वजह से सर्वे की पूरी कार्यवाही नहीं हो सकी. वादी पक्ष ने मलबा हटाकर जांच करने की बात कही तो प्रतिवादी पक्ष ने एतराज भी जताया. हालांकि, समय बीत जाने के कारण अब यहां सोमवार को कार्यवाही होगी. वीडियोग्राफी के लिए विशेष कैमरों का इस्तेमाल किया गया.
धार्मिक चिह्न मिलने का दावा
कार्यवाही के दौरान परिसर में कई धार्मिक चिह्न यथा स्वास्तिक, गज व कमल के फूल के निशान दिखने के दावे किए जा रहे हैं.
ईशान कोण में शृंगार गौरी के विराजमान होने का दावा
श्री काशी विद्वत कर्मकांड परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने दावा किया है कि शृंगार गौरी श्री काशी विश्वनाथ के ईशान कोण में विराजमान हैं. उन्होंने काशी के मंदिरों के इतिहास और जानकारी पर आधारित कुबेर नाथ सुकुल की पुस्तक वाराणसी वैभव के हवाले से यह दावा किया है.
Gyanvapi सर्वे के दौरान फर्श पर कई साक्ष्य दबे हुए दिखे
Gyanvapi परिसर में कमीशन की कार्यवाही के दूसरे दिन गुंबद, दीवार और फर्श के सर्वे के दौरान कई साक्ष्य दबे हुए दिखे. दीवारों पर पेंट और फर्श के नीचे दबे धार्मिक चिह्नों को लेकर चर्चा रही. सिविल जज सीनियर डिवीजन की ओर से नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त की टीम को वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी का आदेश दिया गया है. कमीशन की कार्यवाही के दौरान टीम के कुछ सदस्यों ने पुरातात्विक सर्वेक्षण की जरूरत भी बताई.
तीसरे दिन के सर्वे में शिवलिंग मिलने का दावा
सर्वे के तीसरे और आखरी दिन यह कार्य करीब 2 घंटे चला. सर्वे टीम नंदी के पास के कुएं से लेकर बाकी बचे इलाकों में खोजबीन की और इसके साथ ही फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी भी की गई. कोर्ट के रुख को देखते हुए कोई भी पक्ष सर्वे पर खुलकर कुछ नहीं बोल रहा है. अंदर क्या मिला? क्या सबूत दर्ज किए गए? इस पर कोई भी खुलकर कुछ नहीं कह रहा है.
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