नई दिल्लीः राष्ट्रपति चुनाव के नामांकन प्रक्रिया पूरा होना के बाद बुधवार को चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए तारीखों का भी एलान कर दिया है. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए पांच जुलाई को अधिसूचना जारी करेगा. वहीं इसके लिए उम्मीदवार 19 जुलाई तक नामांकन दाखिल कर सकते हैं. वही चुनाव के लिए आयोग ने छह अगस्त की तारीख तय की है.
अगस्त में खत्म हो रहा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल
गौरतलब है कि देश के मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 11 अगस्त को समाप्त हो रहा है. ऐसे में हर किसी की नजर राष्ट्रपति चुनाव के साथ-साथ उपराष्ट्रपति चुनाव पर भी टिक हुई है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति पद का चुनाव 18 जुलाई को होगा और नतीजे 21 जुलाई को आएंगे. हालांकि भाजपा की एनडीए और विपक्ष ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों का एलान के साथ-साथ नामाकंन प्रक्रिया पूरा कर चुके हैं, अब उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर कयास तेज हो गए.
उपराष्ट्रपति का चुनाव, राष्ट्रपति चुनाव से कितना अलग ?
संसद के दोनों सदनों के सदस्य वोट डालते हैं:
उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति से होता है. संसद के दोनों सदनों के सदस्य इसमें हिस्सा लेते हैं. हर सदस्य केवल एक वोट ही डाल सकता है. राष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचित सांसदों के साथ-साथ विधायक भी मतदान करते हैं लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डाल सकते है.
मनोनीत सांसद भी डाल सकते हैं वोट
राष्ट्रपति चुनाव में मनोनीत सांसद वोट नहीं डाल सकते हैं, लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में ऐसा नहीं है. उपराष्ट्रपति चुनाव में ऐसे सदस्य भी वोट कर सकते हैं. इस तरह से देखा जाए तो उपराष्ट्रपति चुनाव में दोनों सदनों के 790 निर्वाचक हिस्सा लेते हैं. इसमें राज्यसभा के चुने हुए 233 सदस्य और 12 मनोनीत सदस्यों के अलावा लोकसभा के 543 चुने हुए सदस्य और दो मनोनीत सदस्य वोट करते हैं. इस तरह से इनकी कुल संख्या 790 हो जाती है.
कौन लड़ सकता है उपराष्ट्रपति का चुनाव?
- भारत का नागरिक हो.
- 35 साल वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो.
- वह राज्यसभा के लिए चुने जाने की योग्यताओं को पूरा करता हो.
- उसे उस राज्य या संघ राज्य क्षेत्र में संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता होना चाहिए.
- कोई व्यक्ति, जो भारत सरकार के या किसी राज्य सरकार के अधीन या किसी अधीनस्थ स्थानीय प्राधिकरण के अधीन कोई लाभ का पद धारण करता है, वह इसका पात्र नहीं हो सकता है.
- 6. उम्मीदवार संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधानमंडल के किसी सदन का सदस्य नहीं होना चाहिए. अगर वह किसी सदन का सदस्य है तो उसे उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद अपनी सदस्यता छोड़नी पड़ेगी.
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