AMU में छात्रों ने कुलपति के विरोध में लगाए पोस्टर
पोस्टर में कुलपति को संस्कृति विरोधी बताया गया
AMU प्रशासन ने बाहरी लोगों का बताई हरकत
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Kalyan Singh) के निधन के बाद श्रद्धांजलि देने को लेकर सियासत लगातार जारी है। वहीं अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) के कुलपति द्वारा कल्याण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया गया था। जिसके बाद छात्रों ने यूनिवर्सिटी कैंपस में कुलपति के विरोध में पोस्टर चिपका दिए। जिसमें कुलपति को संस्कृति विरोधी बताया गया। ये पोस्टर हिंदी, इंग्लिश और उर्दू भाषा में लगाए गए हैं। हालांकि, यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि ये किसी शरारती तत्व की हरकत हो सकती है।
क्या है Aligarh Muslim University मामला ?
22 अगस्त को कल्याण सिंह के निधन पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सूचना विभाग की ओर से मीडिया के लिए एक प्रेस नोट भेजा गया था। जिसमें लिखा था कि ‘कल्याण सिंह के निधन पर एएमयू कुलपति ने जताया शोक’। इसमें उन्होंने कहा था कि ‘अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर (Tariq Mansoor) ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल श्री कल्याण सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है’।
क्या लिखा था पोस्टर में?
कुलपति के शोक संवेदना व्यक्त करने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) कैंपस में वाइस चांसलर के खिलाफ पोस्टर लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में लिखा गया कि “यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर शोक संवेदना जताना धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला है। यह बेहद शर्मनाक ही नहीं, बल्कि यह AMU की परंपरा और संस्कृति के भी खिलाफ है। कल्याण सिंह न सिर्फ बाबरी मस्जिद गिराने के अपराधी थे, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी उन्होंने उल्लंघन किया था”। पोस्टर में आगे लिखा है कि यूनिवर्सिटी के छात्र कुलपति के इस शर्मनाक व्यवहार की निंदा करते हैं। कुलपति ने एक ऐसे पार्टी के नेता को सपोर्ट किया है जो अपने निहित स्वार्थ फासिज्म का समर्थन करती है।
कुलपति के विरोध में लगे पोस्टर की खबर जैसे ही सामने आई तो बवाल मच गया। जिसके बाद एएमयू प्रशासन ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए पोस्टरों को हटवा दिया। इस पर एएमयू प्रशासन ने कहा कि कैंपस बंद है। ये किसी बाहरी शरारती तत्वों की शरारत हो सकती है। बता दें कि जो पोस्टर लगाए गए हैं उन पर किसी छात्र या संगठन का नाम नहीं लिखा है।