नई दिल्लीः DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ) ने दिव्यांग यात्रियों पर नियमों में संशोधन का मसौदा जारी किया है. जिसके आधार पर डीजीसीए ने विमान में दिव्यांग यात्रियों को लेकर Airline कंपनियों को अहम निर्देश दिए है.
डीजीसीए ने कहा है कि Airline विकलांगता के आधार पर किसी भी व्यक्ति को ले जाने से मना नहीं कर सकती. हालांकि इस दौरान अगर किसी एयरलाइन को लगता है कि किसी ऐसे शख्स का स्वास्थ्य उड़ान के दौरान खराब हो सकता है, तो तत्काल प्रभाव से उसकी जांच डॉक्टर से करानी होगी. डॉक्टर उसकी चिकित्सा स्थिति और यात्री उड़ान भरने के लिए फिट है या नहीं ये जांच कर बताएगा. मेडिकल रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद एयरलाइन इस पर फैसला करेगी.
रांची एअरपोर्ट इंडिगो Airline दिव्यांग बच्चे को रोका था
डीजीसीए ने दिव्यांग यात्रियों को लेकर नियमों में संसोधन की घोषणा के दौरान कहा कि, 7 मई को रांची हवाई अड्डे पर एक विशेष रूप से दिव्यांग बच्चे को बोर्डिंग से इनकार करने के लिए इंडिगो एयरलाइन पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था, इसके ठीक छह दिन बाद नए नियम जारी करने का प्रस्ताव आया है. इंडिगो एअरलाइन ने 9 मई को कहा था कि लड़के को रांची-हैदराबाद उड़ान में सवार होने की अनुमति नहीं दी गई क्योंकि वह डरा हुआ था. लड़के के बोर्डिंग पर रोक लगाने के बाद उसके माता-पिता ने भी विमान में सवार नहीं होने का फैसला किया है.
डॉक्टर की लिखित राय लेना जरूरी
नियामक ने 28 मई को कहा था कि भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचने के लिए वह अपने स्वयं के नियमों पर फिर से विचार करेगा, जिससे एयरलाइंस के लिए बोर्डिंग से इनकार करने का निर्णय लेने से पहले किसी यात्री के स्वास्थ्य पर हवाई अड्डे के डॉक्टर की लिखित राय लेना जरूरी हो जाएगा. डीजीसीए द्वारा शुक्रवार को जारी मसौदा नियमों में कहा गया है कि एयरलाइन विकलांगता के आधार पर किसी भी व्यक्ति को ले जाने से मना नहीं करेगी.
अगर किसी Airline को लगता है कि ऐसे यात्री का स्वास्थ्य उड़ान के दौरान खराब हो सकता है, तो उस यात्री की एक डॉक्टर द्वारा जांच की जानी चाहिए. डॉक्टर बताएगा कि यात्री उड़ान भरने के लिए फिट है या नहीं. चिकित्सा रिपोर्ट के बाद Airline इस संबंध में उचित निर्णय लेगी. नियामक ने 2 जुलाई तक मसौदा नियमों को लेकर जनता से उनकी राय मांगी है. जिसके बाद वह अंतिम अपनी नियम जारी करेगा.
Indigo Airline के सीईओ ने व्यक्त किया था खेद
इंडिगो के सीईओ रोनोजॉय दत्ता ने 9 मई को इस घटना पर खेद व्यक्त किया था और विशेष रूप से दिव्यांग बच्चे के लिए एक इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर खरीदने की पेशकश की थी. दत्ता ने कहा था कि एयरलाइन के कर्मचारियों ने कठिन परिस्थितियों में सर्वोत्तम संभव निर्णय लिया.
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