नई दिल्लीः अग्निपथ योजना के विरोध के बीच आज तीनों सेना प्रमुखों के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हो सकती है. अग्निपथ योजना के कार्यान्वयन की अपनी योजना के बारे में जानकारी देने की संभावना है. बीते दिनों तीनों सैन्य विभागों का साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस से एक बात साफ हो चुकी है. सरकार किसी भी सूरत में अग्निपथ योजना को वापस लेने का कोई इरादा नहीं है, और सारी भर्तिया अब अग्निवीर के तहत ही होगी. इसके लिए तीनों सैन्य विभागो ने भर्ती प्रक्रिया को लेकर नॉटिफिकेशन भी जारी कर चुकी है.
प्रधानमंत्री को योजना के क्रियान्वयन से अवगत कराएंगे
वहीं खबर यह भी सामने आ रही है कि तीनों सेना प्रमुख प्रधानमंत्री को योजना के क्रियान्वयन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराएंगेय प्रधानमंत्री और सेना प्रमुखों के बीच बैठकों के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. 14 जून को नए सैन्य भर्ती मॉडल की घोषणा के बाद देश के कई हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं.
अग्निपथ योजना में साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के बीच के युवाओं को केवल चार वर्ष के लिए भर्ती करने का प्रावधान है, जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान है. कुछ दिनों बाद सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा 23 वर्ष तक बढ़ा दी.
विपक्ष भी लगातार हमलावार
कई विपक्षी दलों के साथ-साथ सैन्य दिग्गजों ने 75 प्रतिशत रंगरूटों के चार साल के कार्यकाल पर सवाल उठाते हुए इस योजना की आलोचना की है. वहीं, सरकार इस योजना का पुरजोर बचाव करते हुए कह रही है कि सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए परिवर्तनकारी सुधार उपाय युवाओं को राष्ट्र की सेवा करने का अवसर प्रदान करेगा.
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