केरल के बाद तमिलनाडु में मिला निपाह वायरस संक्रमित केस
स्टोरी हाईलाइट्स
केरल के बाद तमिलनाडु पहुंचा Nipah Virus
केरल में 12 साल के बच्चे की मौत
केंद्र सरकार ने केरल भेजी जांच टीम
देश अभी कोरोना के प्रकोप से उभर नहीं पाया है। जबकि तीसरी लहर का खतरा अभी भी बना हुआ है। वहीं कोरोना की तीसरी लहर के बीच एक और खतरनाक वायरस ने दस्तक दे दी है। केरल में पाए गए निपाह वायरस (Nipah Virus) ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। निपाह वायरस की चपेट में आने से केरल के कोझिकोड जिले में एक 12 साल के बच्चे की मौत हो गई। केरल के बाद तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कोयंबटूर जिले में निपाह वायरस की पुष्टि हुई है। निपाह वायरस की पुष्टि के बाद केंद्र सरकार ने जांच टीम को केरल भेजा है।
कैसे फैलता है Nipah Virus?
कोरोना (Coronavirus) संकट के बीच निपाह वायरस का आना देश के लिए एक बड़ा खतरा है। निपाह एक जूनोटिक वायरस है। जिसका अर्थ होता है जानवरों से इंसानों फैलने वाली बीमारी। आमतौर पर निपाह वायरस सूअर, कुत्ते और घोड़ों जैसे जानवरों को प्रभावित करता है। लेकिन मनुष्य में फैलने पर उसकी जान भी जा सकती है। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, यह वायरस मेगा बैट्स (फ्रूट बैट्स) के सलाइवा से फैलता है।
लक्षणों को कैसे पहचानें ?
कोरोना और निपाह वायरस (Nipah Virus) के लक्षण सामान्यता मिलते जुलते होते हैं। निपाह से संक्रमित मरीजों में तेज बुखार, खांसी, थकान, सांस लेने में तकलीफ, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द और एनसेफिलाइटिस जैसे लक्षण दिख सकते हैं। वहीं डब्ल्यूएचओ के अनुसार, कुछ मामलों में लोगों को निमोनिया भी हो सकता है। ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है।
कितना खतरनाक है निपाह ?
निपाह वायरस के खतरे की बात की जाए तो ये जानलेवा वायरस है। विशेषज्ञों की मानें तो निपाह वायरस से संक्रमित होने वाले 40-75 फीसदी तक की मौत हो जाती है। इस वायरस के आने से चिंताए बढ़ गईं हैं। क्योंकि इसका अभी तक कोई इलाज नहीं है। WHO (World Health Organization) के अनुसार निपाह वायरस दुनिया के 10 खतरनाक वायरस में शामिल है।
कब आया था पहला मामला ?
निपाह वायरस कोई पहली बार नहीं आया है। 19 मई 2018 में केरल के कोझिकोड जिले में पहला मामला सामने आया था। वहीं 10 दिन के अंदर केरल (Kerala) में निपाह से 17 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि, 10 जून को केरल सरकार ने निपाह वायरस के खत्म होने की बात कही थी। लेकिन बाद में एक छात्र निपाह की चपेट में आ गया था लेकिन बाद में वह स्वस्थ हो गया था।
बता दें कि SARS-CoV-2 के मुकाबले निपाह वायरस बेहद धीमी रफ्तार से फैलता है, मगर यह काफी जानलेवा है। वहीं सिलिगुड़ी में जब पहला आउटब्रेक हुआ था तो 66 संक्रमितों मिले थे जिसमें से 45 की मौत हो गई थी। उस समय मृत्यु-दर 68% रही थी।