नई दिल्लीः बीते कुछ वक्त से एक बार फिर देश कोरोना के मामले में वृद्धि देखने को मिल रही है. इसी बीच मंगलवार को देश में कोरोना के नए वैरिएंट ‘एक्सई’ के पहले मामले की पुष्टि हो गई है. हालांकि इससे पहले भी महाराष्ट्र व गुजरात में एक्सई वैरिएंट मिलने की चर्चा थी, लेकिन इन दोनों ही मामलों की पुष्टि नहीं हो सकी थी. लेकिन जीनोम सीक्वेंसिंग करने वाली लैबोरेटरियों के कंसोर्टियम इंसाकॉग (INSACOG) ने ओमिक्रॉन के नए सब वैरिएंट एक्सई का एक केस मिलने की पुष्टि की है. हालांकि यह मामला देश के केस किस राज्य के किस शहर में मिला है, इसकी जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है.
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एक्सई वैरिएंट पर विशषज्ञों ने कहा कि…
ओमिक्रॉन के इस नए वेरिएंट को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि एक्सई वैरिएंट या सब स्ट्रेन को लेकर भयभीत होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह पूर्व में मिले ओमिक्रॉन के अन्य रूपों जैसा ही है. एक्सई, वर्तमान में देश में सक्रिय ओमिक्रॉन के बीए.2 वैरिएंट से सिर्फ 10 फीसदी ज्यादा संक्रमणकारी है. बीए.2 वैरिएंट के कारण ही जनवरी में देश में तीसरी कोरोना लहर आई थी. इंसाकॉग के सूत्रों के अनुसार देश में मिश्रित रूपों वाले इन ओमिक्रॉन स्वरूपों के कुछे एक केस ही मिले हैं और ये भी अलग-अलग क्षेत्रों में मिले हैं. इसलिए इससे घबराने की जरूरत नहीं है.
कोरोना को लेकर बढ़ रही है चिंता
गौरतलब है कि एक्सई वैरिएंटे के पहले मामले की पुष्टि उस वक्त हुई है, जब देश के 12 राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले फिर तेजी से बढ़ रहे हैं. कई राज्यों में सरकारों को मास्क फिर से अनिवार्य करना पड़ा है और अन्य कोविड प्रोटोकॉल के तहत कई प्रतिबंधात्मक कदम भी उठाए गए हैं.
जानकारों के अनुसार भारत में अब तक ओमिक्रॉन का बीए.2 ही मुख्य रूप से सक्रिय है. आपको बता दें कि, एक्सई वैरिएंट भी रिकॉम्बिनेंट वैरिएंट है. यानी यह ओमिक्रॉन के बीए.1 और बीए.2 का मिश्रित रूप है. इसका पहला केस इस साल जनवरी में ब्रिटेन में मिला था. कोरोना वायरस नए नए रूप धारण करता रहता है. इसके अधिकांश स्वरूपों में ही संक्रमण फैलाने या महामारी में इजाफा करने की क्षमता तेज होती है.
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